अशोकनगर, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिला अस्पताल पर निरंकुश प्रशासन व्यवस्था के कारण उपचार कराने आ रहे मरीजों को परेशान का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में यह वाकिया तब दिखाई दे रहा है जिले में वायरल प्रकोप के चलते प्रतिदिन हजारों की तादाद में आ रहे मरीजों को देखने ड्यूटी टाइम डॉक्टर नदारत मिलते हैं।
जिला अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टरों की नदारत मिलने की शिकायत पर कलेक्टर के आदेश पर जब सिविल सर्जन डॉ.देवेश भार्गव ने ओपीडी कक्षों का जायजा लिया तो शुक्रवार दोपहर 01:30 बजे के दरम्यान ड्यूटी पर मौजूद एक साथ 12 डॉक्टर नदारत पाये गए। सिविल सर्जन ने नदारत सभी डॉक्टरों की सूचि कलेक्टर को अवगत कराई है। पर कलेक्टर ने नदारत डॉक्टरों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की सामने नहीं आ सकी है।
यहां ये भी गौरतलब हो कि जबकि एक दिन पूर्व ही अस्पताल प्रबंधन पर दुर्घटना में उपचार के लिए लाए गए एक युवक का समय पर उपचार न होने पर उसकी मौत होने का आरोप परिजनों द्वारा लगाया गया था। तत्पश्चात दूसरे दिन ड्यूटी टाइम एक साथ 12 डॉक्टर का नदारत रहना प्रशासनिक निरंकुशता को उजागर करता है।
एक हजार मरीज प्रतिदिन आ रहे
जिले में फैल रहे वायरल प्रकोप के कारण प्रतिदिन जिला अस्पताल में एक हजार मरीज उपचार कराने आ रहे है। सिविल सर्जन डॉ.देवेश भार्गव का कहना है कि ओपीडी में आ रहे एक हजार मरीजों में से करीब तीन सौ मरीज वायरल के होते हैं।
दो सौ बेड की क्षमता, चार सौ से अधिक मरीज भर्ती
दो सौ बेड क्षमता वाले जिला अस्पताल में वायरल प्रकोप के चलते चार सौ से पांच सौ मरीज भर्ती हो रहे हैं। क्षमता से अधिक पहुंच रहे मरीजों को मजबूरन अस्पताल के फर्स पर लेटकर ही उपचार कराना पड़ रहा है। देखा जाए तो जिला अस्पताल में इस तरह के हालात निरंकुश प्रशासनिक व्यवस्था को उजागर करते हैं।
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार