भीख नहीं किताब दो संस्था के बच्चों की शिक्षा के लिए उद्योगपति पालाराम, विजय
कौशिक व योगेश मित्तल देंगे विशेष योगदान
उद्योगपति पालाराम ने भीख नहीं किताब दो संस्था के पांच जरूरतमंद बच्चों को
शिक्षा के लिए गोद लिया
हिसार, 29 जनवरी (Udaipur Kiran) । झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले और भीख मांगने वाले
बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भीख नहीं
किताब दो संस्था के लिए उद्योगपति पालाराम, उद्योगपति विजय कौशिक व समाजसेवी योगेश
मित्तल ने विशेष सहयोग देने की घोषणा की है।
संस्था की अध्यक्ष अन्नु चीनिया ने बुुधवार को बताया कि भीख नहीं किताब दो
के मुख्य सदस्य और स्वाभिमान अध्ययन केंद्र व छात्रावास के संरक्षक एडवोकेट लाल बहादुर
खोवाल की प्रेरणा से गन्नौर के प्रसिद्ध उद्योगपति दानवीर पालाराम ने पांच बच्चों की
गुणवत्तापरक शिक्षा का संपूर्ण खर्च वहन करने का संकल्प लिया है। दिलजीत, अनिकेत, ऋषभ,
अंश व मोहित को शिक्षा के लिए गोद लेने वाले उद्योगपति पालाराम इन बच्चों की शिक्षा
के समुचित साधन भी उपलब्ध करवाएंगे।
अन्नु चीनिया ने बताया कि इसी भांति तलवंडी राणा में स्थापित छात्रावास में
निर्मित भोजनालय के लिए समाजसेवी व उद्योगपति योगेश मित्तल ने टेबल व बैंच भेंट किए
हैं। इन बैंच पर बैठकर विद्यार्थी सुगमतापूर्वक भोजन ग्रहण कर पाएंगे। उन्होंने बताया
कि समाज हित की परिपाटी को कायम रखते हुए दानवीर विजय कौशिक ने तलवंडी राणा छात्रावास
की पहली मंजिल का निर्माण शीघ्र शुरू करने की घोषणा की है। इसके साथ ही विजय कौशिक
ने इस बात के लिए आश्वसत किया है कि संस्था की स्थायी आय के लिए ऐसे सदस्य बनाएंगे
जो नियमित रूप से आर्थिक योगदान दे सकें। उल्लेखनीय है कि विजय कौशिक इससे पहले भीख
नहीं किताब दो के छात्रावास में भोजनालय के निर्माण में भी विशेष योगदान दे चुके हैं।
अन्नु चीनिया ने कहा कि रचनात्मक सोच रखने वाले समाजसेवियों को संस्था से जोडऩे
में एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल विशिष्ट भूमिका निभा रहे हैं। इसके साथ ही बच्चों को
आगे बढ़ाने एवं श्रेष्ठ कार्यों के लिए प्रेरित करने में भी एडवोकेट खोवाल का विशेष
योगदान है। उल्लेखनीय है कि तलवंडी राणा के छात्रावास में जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा
व आवास की निशुल्क व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई हैं। बच्चे यहीं रहकर अच्छे संस्कार ग्रहण
कर रहे हैं और सभ्य व जिम्मेदार नागरिक बनने की राह पर अग्रसर हो रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर