Madhya Pradesh

इंदौरः छात्रावासों में साफ-सफाई, भोजन की गुणवत्ता, बच्चों के स्वास्थ्य व सुरक्षा पर दिया जाएगा विशेष ध्यान

इंदौर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर इंदौर जिले के सभी शासकीय छात्रावासों और आश्रमों का नियमित रूप से निरीक्षण और बच्चों से संवाद होगा। छात्रावास और आश्रम के अधीक्षक अपने-अपने संस्थाओं में साफ-सफाई, भोजन की गुणवत्ता, बच्चों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर विशेष ध्यान देंगे। इस संबंध में मंगलवार को जिले के सभी शासकीय छात्रावास और आश्रमों के अधीक्षकों की बैठक आयोजित की गई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग सुप्रिया बिसेन ने बताया कि निर्देश दिये गये हैं कि सभी अधीक्षक छात्रावास/आश्रमों के समस्त विद्यार्थियों से प्रतिदिन संवाद करें, ताकि उनके अंदर यदि किसी भी प्रकार असुरक्षा का भाव आये तो समझकर उसका समय पर समाधान किया जाए। अनुशासन का पालन करें व मुख्यालय पर ही रहे। अधीक्षक ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हो, जो सिविल सेवा नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आती हैं।

उन्होंने कहा कि छात्रावासी बच्चों के लिये अधीक्षक/अधीक्षिका माता-पिता एवं गुरु की भूमिका में होते हैं। स्वयं को बच्चों के समक्ष एक मिसाल के रूप में स्थापित करें। कन्या छात्रावास/आश्रमों में अनिवार्यतः महिला चौकीदार ही रहे। छात्रावास/आश्रमों में बिजली के खुले तार नहीं हो। पेयजल आदि अन्य समस्याएँ हो तो तत्काल सूचित कर दुरुस्त करवाये। सुरक्षा के लिये सेफ्टी मस्ट सेफ्टी फर्स्ट भोजन बनाते समय अधीक्षक स्वयं उपस्थित रहे और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे। छात्रावास/आश्रमों में निवासरत छात्र-छात्राओं से चर्चा में स्वास्थ्य, व्यक्तिगत तथा शरीर आदि की सफाई की स्थिति पर भी ध्यान दें। निवासरत छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण प्रतिमाह कराये और स्वास्थ्य पंजी का संधारण करें।

सुप्रिया बिसेन ने कहा कि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा शासन की प्राथमिकता का बिन्दु हैं, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न की जाये। समस्त छात्रावास/आश्रमों में प्रकाश की व्यवस्था हो। पेयजल हेतु पानी की टंकियों की नियमित साफ-सफाई करें। आर.ओ. ठीक अवस्था में होकर पूर्णतः कार्यशील रहे। पालक समिति की बैठकें अनिवार्य रूप से आयोजित करें। छात्रावासी बच्चों द्वारा ध्यान भटकाने वाली गतिविधि की जाने पर अथवा अपनी किसी प्रकार की परेशानी बताए जाने पर या बीमारी की स्थिति में तत्काल पालकों को सूचित करें। छात्र-छात्राओं से सभ्य भाषा का ही उपयोग किया जाये। मेस हेतु भण्डारण की गई सामग्री साफ तथा शुद्ध रहे एवं एक्सपायरी डेट के मसाले व अन्य सामग्री न हो।

उन्होंने कहा कि छात्रावास से संबंधित समस्त अभिलेखों का संधारण करें। टेबलेट में ऑनाबोर्डिंग करें व रिचार्ज रखे तथा प्रतिदिन उपस्थिति लगाये। टेबलेट हमेशा ऑन रखे, रसोई के बरतन, झूठे बरतन अच्छे से साफ करें, ताकि फूड पायजनिंग जैसी समस्या न हो। पानी की टंकियों से अनावश्यक पानी न बहे व छत की सफाई नियमित रूप से करे। ताकि पानी जमा न होवे। आगंतुक पंजी अनिवार्यतः संधारित करें, छात्र-छात्रा का आय.डी. कार्ड तथा उनके माता- पिता/भाई के आय.डी. कार्ड रखें। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का व्यवहार छात्र-छात्राओं के प्रति संवेदनशील होकर सभ्यतापूर्ण हो। सी.सी.टी.वी. लगा हो व क्रियाशील हो तथा लिंक अधीक्षक के मोबाईल से जुड़ी हो। टी.वी. क्रियाशील (चालू) हो। संस्था में पुस्तकालय हो व वितरण रजिस्टर संधारित हो।

(Udaipur Kiran) तोमर / उम्मेद सिंह रावत

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