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इंदौर, 07 फरवरी (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक साल पहले छह साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दोषी को तिहरे मृत्युदंड (तीन बार फांसी) की सजा सुनाई है। साथ ही पीड़ित के मानसिक और शारीरिक कष्ट को देखते हुए उसे अलग से पांच लाख रुपये प्रतिकर राशि दिलाए जाने की अनुशंसा की है।
विशेष न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी भी की है। अदालत ने उल्लेख किया कि बलात्कार के बाद यदि पीड़िता जीवित भी रहती है तो उसकी जिंदगी मृत्यु से भी अधिक कष्टदायक हो जाती है और उसे जीवनभर इस पीड़ा को सहना पड़ता है। अभियुक्त ने मात्र छह साल की बच्ची के साथ क्रूरतापूर्ण बलात्कार किया, जिससे उसे गंभीर क्षति पहुंची। अभियुक्त की मानसिकता को देखते हुए भविष्य में भी वह इस प्रकार के अपराध कर सकता है। इसलिए पॉक्सो एक्ट की मंशा के अनुरूप अभियुक्त को मृत्युदंड देना ही उचित होगा, ताकि समाज में इस तरह के जघन्य अपराधों की रोकथाम की जा सके।
जिला अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी अभिषेक जैन ने बताया कि द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सविता जडिया ने आरोपित मंगल पंवार पुत्र लाल सिंह पंवार, निवासी देवास को धारा 376 (एबी) भादवि एवं धारा 5एम/6 एवं 5आई/6 पॉक्सो एक्ट के तहत तीन बार मृत्युदंड की सजा सुनाई है। इसके अलावा, आरोपित को धारा 363 एवं 366 भादवि के तहत क्रमशः तीन साल और पांच साल के सश्रम कारावास की सजा दी गई है। कुल एक हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। मामले में जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं विशेष लोक अभियोजक संजय मीणा ने पैरवी की।
घटना 27 फरवरी 2024 की है। अभियोजन के अनुसार, पीड़ित मासूम की मां ने बताया कि वह इंदौर के हीरानगर थाना क्षेत्र में परिवार के साथ झोपड़ी बनाकर रहती है। उसके परिवार में पति और दो बेटियां (एक 6 साल और दूसरी डेढ़ साल की) हैं। घटना दिनांक 27 फरवरी 2024 को दोपहर करीब 3 बजे वह अपनी झोपड़ी के पीछे खुले में कपड़े धो रही थी। उस दौरान उसकी बड़ी बेटी झोपड़ी के पास खेल रही थी, जबकि पति और छोटी बेटी झोपड़ी के अंदर थे।
बच्ची की मां के अनुसार, दोपहर करीब 3:15 बजे कपड़े धोने के बाद उसने देखा तो बड़ी बेटी वहां नहीं थी। तभी उसे बच्ची के रोने और चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। वह घबराकर जिधर से आवाज आ रही थी, उस दिशा में दौड़ी। सड़क के उस पार एक खाली पड़े प्लॉट पर बच्ची रोते हुई मिली। आरोपी बच्ची की मां को देखते ही वहां से भाग गया। इस दौरान आसपास के लोग भी जमा हो गए। बच्ची ने बताया कि कचरा बीनने वाला लड़का उसे मुंह दबाकर उठाकर प्लॉट में ले गया और उसके साथ गलत काम किया। यह सुनने के बाद वह घबरा गई। तब तक उसके पति भी आवाज सुनकर प्लॉट पर आ गए थे। फिर बच्ची एमवाय अस्पताल ले गए। इधर भाग रहे आरोपी को लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
इंदौर के हीरानगर थाने में इस मामले में पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज किया गया था। जांच के दौरान मिले मेडिकल साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। जांच के बाद कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया गया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
(Udaipur Kiran) तोमर
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