सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने पर दो अधिकारियों का एक-एक माह का वेतन होगा राजसात
-समय-सीमा में राजस्व प्रकरण निराकृत नहीं करने पर तहसीलदार पर लगायी गई पेनल्टी
इंदौर, 2 दिसंबर (Udaipur Kiran) । इंदौर जिले में सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण के लिए अगले सात दिन तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में 50 दिन से अधिक अवधि के लंबित प्रकरणों के निराकरण को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस अवधि में सीएम हेल्पलाइन के अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जाए। अधिकारी अपने-अपने विभाग की रैंकिंग में सुधार लाए। हर विभाग की रैंकिंग 40 से अधिक नहीं हो। 40 से अधिक रैंकिंग आने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
सोमवार को यहां कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में समय-सीमा के पत्रों के निराकरण(टीएल) की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, स्मार्ट सिटी के सीईओ दिव्यांक सिंह, अपर कलेक्टर गौरव बेनल तथा ज्योति शर्मा, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर.पी. अहिरवार, अपर कलेक्टर रोशन राय, राजेन्द्र रघुवंशी, निशा डामोर सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
समीक्षा के दौरान सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने पर दो अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा दिए गए। उन्होंने सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता बेक तिर्की तथा श्रम विभाग की सहायक आयुक्त मेघना भट्ट का एक-एक माह का वेतन राजसात करने के निर्देश दिए। साथ ही लोक सेवा ग्यारंटी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण नहीं करने पर बिचौली क्षेत्र की तहसीलदार अंकिता वाजपेयी के विरूद्ध पेनल्टी लगाने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में उन्होंने विभागवार सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में जन समस्याएं आती है। इनका निराकरण समय-सीमा में होना अत्यंत जरूरी है। जनता से जुड़ी समस्याओं के निराकरण को विशेष प्राथमिकता दी जाए। सभी अधिकारी प्रतिदिन सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों को देखें और उसी दिन निराकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करें। एक भी आवेदन नान अटेंड नहीं रहे। अगर एक भी शिकायत ऐसी मिलती है जिसमें कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। सीएम हेल्पलाइन और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही और उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई की जायेगी।
(Udaipur Kiran) तोमर