Madhya Pradesh

इंदौरः एमजीएम को प्राप्त हुआ मध्य भारत का पहला एंडोजेनस ब्लड इरेडिएटर

– बोन मैरो ट्रांसप्लांट में मिलेगी सहायता

भोपाल, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर को बीएआरसी (भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र) द्वारा निर्मित 50 लाख रुपये की लागत वाला एंडोजेनस ब्लड इरेडिएटर प्राप्त हुआ है। इसमें कोबाल्ट-60 स्रोत का उपयोग किया गया है। यह जानकारी गुरुवार को एमजीएम इंदौर के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने दी।

उन्होंने बताया कि यह उपकरण मध्य भारत में अपनी तरह का पहला है और अब तक किसी भी निजी अस्पताल में भी यह अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध नहीं है।

एमजीएम अधीक्षक डॉ. यादव ने बताया कि यह उन्नत उपकरण बोन मैरो ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए अत्यधिक लाभकारी है। यह ग्राफ्ट रिजेक्शन की संभावना को कम करता है साथ ही ग्राफ्ट वर्सेस होस्ट रिएक्शन को रोकने में मदद करता है, जिससे मरीजों के उपचार में बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। उपकरण की कमीशनिंग और स्रोत स्थापना का कार्य प्रगति पर है। यह उपकरण प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

(Udaipur Kiran) तोमर

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