
– मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने दी विकास की सौगातें
इन्दौर, 12 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार इंदौर जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी के तहत इंदौर जिले के रायकुंडा ग्राम में सोमवार को जनजातीय परंपरा हलमा के आयोजन में सैकड़ों ग्रामीणों ने सहभागिता कर तालाब गहरीकरण के लिए श्रमदान किया। इस अवसर पर प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने ग्रामवासियों को कई विकास कार्यों की सौगातें दीं।
कार्यक्रम की शुरुआत प्राचीन देवी पूजन के साथ हुई। अपने संबोधन में मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल शासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आमजन की सक्रिय भागीदारी भी अत्यंत आवश्यक है। हलमा जैसी परंपराएं सामूहिक सहयोग की उत्कृष्ट मिसाल हैं और इन्हें पुनः जीवित करना समय की मांग है। मंत्री डॉ. शाह ने रायकुंडा में स्थित 11वीं सदी के प्राचीन कुंड के पुनर्निर्माण और एक भव्य माता मंदिर की स्थापना के लिए केंद्र सरकार एवं पुरातत्व विभाग से चर्चा करने की बात कहीं। उन्होंने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र को एक धार्मिक-आध्यात्मिक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की। मंत्री डॉ. शाह ने धर्मशाला निर्माण के लिए 20 लाख रुपए की स्वीकृति की घोषणा की और रायकुंडा तालाब को पर्यटन एवं रोजगार का केंद्र बनाने हेतु योजनाओं पर कार्य आरंभ करने की बात कहीं। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हेतु अपनी निजी भूमि दान देने वाले श्री गालियां परमार का विशेष रूप से अभिनंदन किया।
इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने जनजातीय नायकों को दिए जा रहे सम्मान का उल्लेख करते हुए वर्तमान सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। विधायक ऊषा ठाकुर ने महिषासुरमर्दिनी स्तुति के साथ स्वागत भाषण दिया। वरिष्ठ जनप्रतिनिधि राजाराम कटारा ने हलमा परंपरा को भील जनजाति की अस्मिता का प्रतीक बताते हुए झाबुआ में इससे जुड़े सफल प्रयासों की जानकारी भी साझा की।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीपमाला रावत द्वारा किया गया। रायकुंडा के सरपंच दिलीप ओसारी ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के पश्चात सभी ग्रामीणों ने तालाब के गहरीकरण हेतु सामूहिक श्रमदान किया। रायकुंडा ग्राम के आदिवासियों ने इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया कि हलमा जैसी परंपराएं आज भी जनकल्याण और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रासंगिक हैं और जब समाज एकजुट होता है, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं।
(Udaipur Kiran) तोमर
