Madhya Pradesh

इंदौरः राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को दी गई कृमि नाशक दवाई

इंदौरः राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को दी गई कृमि नाशक दवाई

इंदौर, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारत सरकार के निर्देशानुसार संपूर्ण मध्यप्रदेश के साथ इंदौर जिले में भी मंगलवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया गया। आयोजन का शुभारंभ सी.एम. राईज मालव कन्या स्कूल महू नाका से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस सैत्या एवं जिला शिक्षा अधिकारी वैश्य द्वारा किया गया। विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक इस आयोजन में हिस्सा लिया और कहा कि वह अपने साथियों और परिवार को भी इस आयोजन का हिस्सा बनाएंगे।

डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 01 से 19 वर्ष के बच्चों जो शासकीय, अशासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं, आदिवासी आश्रम शालाओं, निजी विद्यालयों, अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों, मदरसों केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय तथा आंगनवाड़ी के साथ-साथ शाला त्यागी बच्चों को भी कृमिनाशन की गोलियां खिलाई गई। इस अभियान को सतत चलाए जाने का प्रभाव यह देखा गया कि बच्चों में कृमि संक्रमण की दर में कमी आई है। विद्यार्थियों को कृमि के प्रकार, शरीर में उनके प्रभाव एवं बचाव के संबंध में एक लघु प्रजेंटेशन दिखाया गया।

उन्होंने बताया कि जो बच्चे आज गोली नहीं ले पाए, उन्हें मॉप-अप-राउण्ड में 13 सितंबर 2024 को गोलियां दी जाएगी। इंदौर जिले के लिए 12 लाख 20 हजार 557 बच्चे इस अभियान के लिए चिंहिन्त किए गए हैं। इस वर्ष 20 से 49 वर्ष की प्रजनन उम्र की महिलाओं जो गर्भवती एवं धात्री नहीं हैं, को 400 मिली ग्राम की एल्बेंडाजोल गोली प्रदान की जाएगी एवं एवं जो महिलाएं 10 सितंबर 2024 को गोली नहीं ले पाए, उन्हें मॉप-अप- राउण्ड में 30 सितंबर 2024 को गोलियां दी जाएंगी। कार्यक्रम में 550 बच्चों को एवं उपरोक्त आयु समूह की शिक्षिकाओं को भी एल्बेंडाजोल गोली खिलाई गई।

कृमिनाशन गोली खिलाए जाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि बच्चों को बेहतर सेहत, पोषण के साथ-साथ उचित ढंग से उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो तथा सीखने की प्रक्रिया भी बाधित न हो। आमतौर पर यह देखा जाता है कि बच्चे बिना जूते पहने मैदान में खेलते हैं, बिना हाथ धोए खाना खाते हैं, शौचालय को उपयोग नहीं करते है, शौच के उपरांत हाथ नहीं धोते हैं तथा दूषित फल और सब्जियों का सेवन करते हैं, तो उन्हें कृमि संक्रमण होने की संभावना सर्वाधिक होती है। उक्त आयोजन में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता, जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी डॉ. मनीषा पंडित, प्राचार्य आर. के. कोरी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. शिवराज सिंह चौहान, समस्त शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) तोमर

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