– इंदौर जिले के पटवारियों की समस्याओं का तहसीलवार शिविर लगाकर किया जायेगा निराकरण
इन्दौर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । न्याय नगर सहित गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की अन्य कॉलोनियों के सदस्यों की समस्याओं के निराकरण के लिए शिविर लगाये जाएंगे। इसी तरह इंदौर जिले के पटवारियों की समस्याओं का तहसीलवार शिविर लगाकर निराकरण किया जायेगा। कलेक्टर कार्यालय में लगी बॉयोमेट्रिक मशीनों की तरह ही अब जिले के सभी शासकीय स्कूलों, अस्पतालों और ग्राम पंचायतों में भी शासकीय सेवकों की उपस्थिति के लिए बॉयोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी।
यह जानकारी सोमवार को यहां कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई समय-सीमा के पत्रों के निराकरण(टीएल) की बैठक में दी गई। बैठक में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा, रोशन राय, राजेन्द्र रघुवंशी तथा निशा डामोर सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने समय-सीमा के पत्रों के साथ ही सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं संबंधी आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित किया जाये। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिए कि न्याय नगर सहित गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की अन्य कॉलोनियों के सदस्यों की प्लॉट संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए शिविर लगाये जायें। इन शिविरों के माध्यम से पात्र सदस्यों को प्लॉट/कब्जा दिलाने की कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि जिले में पदस्थ पटवारियों की समयमान, क्रमोन्नति सहित अन्य कार्यालयीन समस्याओं का निराकरण करने के लिए तहसीलवार शिविर आयोजित किये जाये।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय की तरह ही जिले में अब हर विभागों में बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था होगी। बायोमेट्रिक मशीन में दर्ज उपस्थिति के आधार पर ही वेतन का भुगतान किया जायेगा। यह व्यवस्था जिले के ग्राम स्तर पर भी लागू की जायेगी। इसके लिए सभी विभागों के अधिकारियों को अपने-अपने स्तर पर कार्ययोजना बनाकर व्यवस्था करने के निर्देश दिये गए हैं। जिले के सभी शासकीय स्कूलों, अस्पतालों और ग्राम पंचायतों में भी उपस्थिति के लिए बॉयोमेट्रिक मशीनें लगाई जायेगी।
बैठक में बताया गया कि कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर सभी अधिकारियों द्वारा स्वयं तथा अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ संबंधित कार्यालयों, विभागीय गतिविधियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की मैदानी स्तर पर पहुंच कर निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण का प्रतिवेदन ऑनलाइन दर्ज करने के लिए सुशासन नाम से मोबाइल एप बनाया गया है। अभी तक अधिकारियों द्वारा 600 निरीक्षण किये जा चुके है। कलेक्टर ने कहा कि निरीक्षण के दौरान मिलने वाली कमियों को दूर करने की व्यवस्था भी की जाये।
(Udaipur Kiran) तोमर