इंदौर, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर इंदौर जिले में जानमाल की सुरक्षा के दृष्टिगत ज्वलनशील अवैध पेट्रोल, डीजल तथा अन्य पेट्रोलियम पदार्थ के भंडारण, क्रय-विक्रय पर खाद्य विभाग द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही है। जिला आपूर्ति नियंत्रक एमएल मारू ने बताया कि मंगलवार को खाद्य विभाग के संयुक्त दल द्वारा प्राप्त सूचना पर स्कीम नंबर 71, मेकेनिक नगर चंदन नगर इंदौर स्थित फर्म मार्क इंटरप्रायजेस पर औचक निरीक्षण किया गया। फर्म के गोदाम में मौके पर भारी मात्रा में 200 लीटर के बैरल में 56 पूरे भरे हुए पेट्रोलीय प्रोडक्ट के ड्रम पाए गए। साथ ही 400 से ज्यादा खाली ड्रम भी पाए गए।
उन्होंने बताया कि गोदाम परिसर में पाए गए प्रोडक्ट के प्रारंभिक जांच में अत्यंत ज्वलनशील पेट्रोलीय पदार्थ पाया गया। जिसकी जांच फर्म के मालिक अंकित बाफना के द्वारा कराई गई। बाफना द्वारा उक्त प्रोडक्ट अलाईंस कार्पोरेशन गुजरात से इंडस्ट्रीयल फ्यूल आइल के नाम से बिल प्रस्तुत किया गया, किन्तु प्रोडक्ट विक्रय के बिल, बिलबुक आदि कोई वैध दस्तावेज जांच में प्रस्तुत नहीं किए गए। इंडस्ट्रीयल फ्यूल आइल का नाम, कंटेंट, लैबोटरी आदि के कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। इंडस्ट्रियल ऑयल केवल इंडस्ट्री उपयोग के लिए होता है लेकिन मौके पर किसी प्रकार की फैक्ट्री इंडस्ट्री नहीं पाई गई। प्रारंभिक जांच में इंडस्ट्रीयल फ्यूल आइल के तथाकथित बिल की आड़ में ज्वलनशील पेट्रोलियम पदार्थ का अवैध भंडारण, क्रय विक्रय करना पाया गया, जिसके लिए विस्फोटक विभाग एवं कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी कोई वैध अनुमति लायसेंस नहीं पाए गए तथा मौके पर आगजनी की सुरक्षा के लिए फायर फायटर आदि सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं पाए गए। जांच दल द्वारा प्रोडक्ट कपड़े पर डालकर जलाने पर अत्यंत ज्वलनशील होना पाया गया।
अत्यंत ज्वलनशील पेट्रोलीय पदार्थ पाए जाने पर मौके से विधिवत पेट्रोलियम पदार्थ की सैंपलींग कर 56 भरे ड्रम (लगभग मात्रा-11200 लीटर) जप्त कर सुरक्षित जगह सुपुर्दगी में दिए गए। गोदाम में क्रय-विक्रय, भंडार में उपयोग किए जाने वाले बैरल जप्त कर फर्म के गोदाम परिसर को सील किया गया। सैंपल जांच हेतु आईल कंपनी की अधिकृत प्रयोगशाला में भेजने की कार्यवाही की जा रही है। अत्यंत ज्वलनशील पेट्रोलीय पदार्थ का अवैध क्रय-विक्रय भंडारण करने पर मार्क इंटरप्रायजेस एवं अन्य के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3,7 अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में उक्त प्रोडक्ट किन-किन को विक्रय किया गया तथा उपयोग किया गया, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है। जांच कार्यवाही में जिला आपूर्ति नियंत्रक एम. एल. मारू, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी दिलीप मनवारे, शिवसुंदर व्यास, राहुल शर्मा, सौरभ यादव आदि शामिल थे।
(Udaipur Kiran) तोमर