कला केवल मनोरंजन का ही नहीं बल्कि नैतिक ऊर्जा और विकास का भी माध्यम
गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के 12वें इंटर जोनल युवा महोत्सव का रंगारंग आगाज
हिसार, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 12वें इंटर जोनल युवा महोत्सव का विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में रंगारंग आगाज हुआ। दो दिवसीय युवा समारोह के उद्घाटन समारोह में जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाईएमसीए फरीदाबाद के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर मुख्य अतिथि रहे जबकि अध्यक्षता गुजवि कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर श्रीमती जयमाला, विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डा. वंदना बिश्नोई तथा समाजसेवी पंकज संधीर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
मुख्यातिथि प्रो. सुशील कुमार ने शनिवार को शुरू हुए युवा उत्सव के शुभारंभ अवसर पर कहा कि दुनिया के 65 प्रतिशत युवा भारत में ही रहते हैं। भारत के युवा विश्व स्तर पर अपनी अग्रणी पहचान बना रहे हैं। युवा शक्ति के बल पर आगामी पांच साल में भारत विश्वगुरु बन जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के शिक्षकों को भी भारत के इस नवनिर्माण में अपनी भूमिका निभानी होगी। देश के युवाओं को सही मार्गदर्शन हो जाए तो भारत को महान और विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है। युवाओं को सही मार्गदर्शन करना शिक्षक की ही जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपनी इंजीनियरिंग तथा अन्य तकनीकी क्षमताओं का राष्ट्रहित में प्रयोग करें। उन्होंने महान वैज्ञानिक सर जेसी बोस का जिक्र करते हुए बताया कि एक शिक्षक तथा वैज्ञानिक किस प्रकार राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस अवसर कहा कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर समृद्ध एवं विविधतापूर्ण है। नृत्य एवं नाट्य कला भारत की प्राचीन कलाएं हैं। भरत मुनि जी द्वारा लिखा नाट्य शास्त्र प्राचीन भारत के संगीत, नाट्य एवं साहित्यिक गौरव का एक श्रेष्ठ उदाहरण है। उन्होंने कहा कि कला केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक तथा नैतिक ऊर्जा और विकास का माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि इस युवा महोत्सव में यूटीडी तथा विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों की जोनल युवा महोत्सव की विजेता टीमें संगीत, नृत्य, साहित्यिक, ललित कला तथा नाट्य विधाओं में अपनी प्रस्तुति दे रही हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि वे केवल पुरस्कारों के लिए प्रतिस्पर्धा ना करें, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं में अद्भुत क्षमता है। इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं के आत्मविश्वास को और अधिक बढ़ाएंगे।
श्रीमती जयमाला ने इस अवसर पर एक शानदार कविता ‘फूल और पत्थर’ सुनाई तथा कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, हारना नहीं है। छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. योगेश चाबा ने अपने स्वागत सम्बोधन में युवा समारोह की दो दिन तक चलने वाली गतिविधियों का ब्यौरा दिया और बताया कि युवा महोत्सव में नृत्य, संगीत, ललित कलाएं तथा साहित्यिक गतिविधियों से संबंधित 46 विधाओं में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 18 महाविद्यालयों की टीमें भाग ले रही हैं।
धन्यवाद संबोधन सांस्कृतिक मामलों की निदेशिका प्रो. हिमानी शर्मा ने दिया जबकि संचालन डा. गीतू धवन तथा डा. पल्लवी ने किया। विभिन्न वाद्य यंत्रों को बजाते हुए और हरियाणवी संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए उसी वेश भूषा को धारण करके शोभा यात्रा में सभी ने युवा महोत्सव का अत्यंत बेहतरीन तरीके से आगाज किया।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर