नई दिल्ली, 2 नवंबर (Udaipur Kiran) । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने टीबी संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में भारत को वैश्विक चैंपियन बताया है। 29 अक्टूबर को जारी वैश्विक टीबी रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि साल 2015 के बाद भारत में टीबी उन्मूलन की दिशा में मामलों में 17.7 प्रतिशत की दर से गिरावट दर्ज की गई है, जो वैश्विक गति से दो गुना रफ्तार से भी अधिक है। इस रिपोर्ट पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि केन्द्र सरकार टीबी मुक्त भारत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है।
शनिवार को जारी एक पोस्ट में जेपी नड्डा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2015 से 2023 तक टीबी की घटनाओं में 17.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ भारत की उल्लेखनीय प्रगति को मान्यता दी है। यह दर 8.3 प्रतिशत की वैश्विक गिरावट के दोगुने से भी अधिक है। यह स्वीकृति टीबी देखभाल और नियंत्रण के प्रति भारत के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को दर्शाती है।
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत हमारी सरकार ने टीबी रोगियों को आवश्यक पोषण सहायता प्रदान करने के लिए नि-क्षय पोषण योजना और मल्टी-ड्रग प्रतिरोधी तपेदिक के लिए एक नए उपचार के रूप में बीपीएएलएम आहार की शुरुआत जैसी महत्वपूर्ण पहल करके राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया है। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के समर्पित स्वास्थ्य कर्मियों के अथक प्रयासों के लिए सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इनकी अटूट प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत तपेदिक के खिलाफ इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उल्लेखनीय है कि पांच साल पहले भारत की अध्यक्षता में पूरी दुनिया ने साल 2030 तक टीबी से मुक्ति पाने का लक्ष्य रखा लेकिन उस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच साल पहले 2025 तक इस लक्ष्य को हासिल करने का वादा किया। भारत के जमीनी स्तर पर प्रयास इस तरह रहे कि 2015 के बाद से छूटे हुए टीबी मामलों के अंतर को कम करने में जबर्दस्त प्रगति देखी है। डब्ल्यूएचओ ने भारत में टीबी की घटनाओं में गिरावट को स्वीकार करते हुए कहा है कि 2015 में यहां एक लाख की आबादी पर टीबी के 237 मामले मिल रहे थे, जो 2023 में घटकर 195 तक पहुंचे हैं।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी