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पहलगाम हमले के बाद अफगानिस्तान के साथ भारत का कारोबार अटका

-अटारी आईसीपी में 22 अप्रैल के बाद नहीं ली गई कोई गाड़ी

-बाघा की सीमा में खड़ी हैं अफगानिस्तान से आई गाड़िया

चंडीगढ़, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पहलगाम हमले के बाद अफगानिस्तान और भारत के कारोबार पर असर पड़ा है। 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद जब भारत सरकार ने दोनों मुल्कों की आवाजाही बंद की तो उसी दौरान अफगानिस्तान से माल लेकर आने वाली गाड़ियों को अटारी बार्डर स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) में प्रवेश पर रोक लगा दी गई। अटारी बार्डर सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान से जो गाड़ियां आई थीं वह वाघा (पाकिस्तान) की सीमा में खड़ी हैं। सूत्रों के अनुसार बाघा बार्डर पर करीब 35 गाड़ियां चार दिनों से लोड खड़ी हैं। जिनके संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

आईसीपी के गोदाम अब खाली हो चुके हैं। आईसीपी अधिकारियों के अनुसार जिन व्यापारियों के 22 अप्रैल से पहले बिल कट चुके हैं उन्हें अब समुद्री रास्ते से सामान पहुंचाया जाएगा। इसके बाद की अवधि के लिए कोई फैसला नहीं हुआ है।

अफगानिस्तान से वाया पाकिस्तान होते हुए भारत में मुलेठी, रतनजोत, ब्रह्मजसू, असू, ड्राई फ्रूट, सूखे और ताजे फल, अनारदाना और सब्जियां, जिनमें प्याज, दालें आदि शामिल हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 वित्तीय वर्ष (दिसंबर 2024 तक) के दौरान अटारी आईसीपी के माध्यम से अफगानिस्तान से 3115.99 करोड़ रुपये के सामान का आयात हुआ, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2210.79 करोड़ रुपए का आयात हुआ था।

अमृतसर में ड्राईफ्रूट के डीलर संजय शर्मा का कहना है कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार बढ़ रहा था, लेकिन अब एक बार फिर यह ठप हो गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन निश्चित रूप से राष्ट्रीय हित से ऊपर कुछ भी नहीं है।

पंजाब में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड ट्रेड के पूर्व अध्यक्ष आरएस सचदेवा का कहना है कि उन्होंने ड्राई फ्रूट आयातकों से बात की, जिनमें से सभी ने व्यक्तिगत या व्यावसायिक लाभ से अधिक देश हित को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार के निलंबन से कुछ मुद्रास्फीति हो सकती है, मुख्य रूप से उत्तरी भारत में उच्च रसद लागत के कारण, देश भर के अन्य बंदरगाहों को अफगानिस्तान से सीधे आयात से लाभ हो सकता है।

थोक शॉल व्यापारी कृष्ण कपूर ने कहा कि बंद किसी बाहरी दबाव के कारण नहीं था, बल्कि भावना से प्रेरित एक स्वैच्छिक कार्य था, क्योंकि लोग निर्दोष लोगों की जान जाने से बहुत परेशान और दुखी हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई उम्मीद करता है कि सरकार हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी प्रतिक्रिया देगी।

विदेश व्यापार के जानकार अमित बंसल के अनुसार अफगानिस्तान से भारत को होने वाले निर्यात में 99 फीसदी हिस्सा कृषि और उससे जुड़े उत्पादों का है। वहां पर तालिबान द्वारा हुए तख्ता पलट के बाद इस सेक्टर पर काफी असर पड़ा था। बादाम, अंजीर, किशमिश, मुनक्का, खजूर, खुबानी जैसे ड्राई फ्रूट के फॉर्म बंद हो गए थे। बाद में स्थिति सुधरने के बाद उस तरफ कुछ राहत रही लेकिन अब यह स्थिति इस पर और विपरीत असर डालेगी। उनका कहना है कि इस रूट से व्यापार बंद हो गया है लेकिन समुद्री मार्ग से हो रहा कारोबार काफी महंगा पड़ता है। ड्राईफ्रूट के दामों में उछाल आना शुरू हो गया है।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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