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जोहानिसबर्ग, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी नेता और देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रवीण गोरधन नहीं रहे। कैंसर पीड़ित गोरधन ने आज सुबह यहां एक अस्पताल में 75 वर्ष की आयु में आखिरी सांस ली। शोक संतप्त उनके परिवार ने यह जानकारी दी। वह दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में नब्बे के दशक से लगभग चार माह पहले तक सक्रिय रहे।
दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख समाचार पत्र द मेल ऐंड गार्जियन के अंग्रेजी संस्करण की खबर के अनुसार, नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय मूल के प्रवीण गोरधन ने रंगभेद-विरोधी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने चार माह पूर्व सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की। राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने शोक संदेश में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के सदस्य रहे गोरधन की सराहना करते हुए उन्हें एक उत्कृष्ट राजनीतिज्ञ और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का प्रमुख प्रणेता बताया है। उन्होंने परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए गोरधन के निधन पर दुख जताया है।
द मेल ऐंड गार्जियन के मुताबिक, गोरधन ‘संक्रमणकालीन कार्यकारी परिषद’ के सह-अध्यक्ष रहे हैं। इसका गठन रंगभेद नीति के खिलाफ संघर्ष के लिए जेल में बंद नेल्सन मंडेला की रिहाई के बाद किया गया। गोरधन ने 2009 से 2014 तक और इसके बाद 2015 से 2017 तक वित्तमंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए। उन्होंने 2014 से 2015 तक सहकारी शासन और पारंपरिक मामलों के मंत्री के रूप में भी कार्य किया। वह सार्वजनिक उद्यम मंत्री भी रहे। उन्हें परिवार ने इस सप्ताह की शुरुआत में कैंसर के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। गोरधन के अंतिम क्षणों में अस्पताल में उनके परिवार के सदस्य और करीबी दोस्त मौजूद रहे। उन्होंने एक दशक तक दक्षिण अफ्रीकी राजस्व सेवा के आयुक्त के रूप में भी कार्य किया।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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