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जम्मू, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय सेना ने टाइगर वायु रक्षक (तीव्र हमला प्रणाली का अनावरण किया है जो एक उन्नत मानव-मानव रहित टीम (एमयूएमटी) तकनीक है जिसे आधुनिक युद्ध के मैदान पर सामरिक संचालन में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
तीव्र एक हंटर-किलर ड्रोन जोड़ी को एकीकृत करता है जहाँ हंटर ड्रोन वास्तविक समय की टोही करता है और ऑपरेटरों को लाइव फुटेज स्ट्रीम करता है। जबकि किलर ड्रोन 1 किलोग्राम पेलोड का उपयोग करके पहचाने गए लक्ष्यों को स्वायत्त रूप से संलग्न करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से समन्वित यह प्रणाली परिशुद्धता और स्थितिजन्य जागरूकता को बढ़ाती है जिससे ऑपरेटरों के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया सुव्यवस्थित होती है।
हाल के परीक्षणों के दौरान तीव्र ने असाधारण दक्षता का प्रदर्शन किया है जिससे मैनुअल और स्वायत्त दोनों मिशनों में इसकी क्षमताएँ साबित हुईं हैं। इसे छोटी से मध्यम दूरी के सामरिक संचालन के लिए अनुकूलित किया गया है जिसमें भविष्य में झुंड-आधारित मॉडल विकसित करने की योजना है। इस प्रगति से युद्धक्षेत्र की दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है जिससे समन्वित और स्केलेबल ड्रोन संचालन संभव हो सकेगा।
इस नवाचार को दिल्ली में इनोव योद्धा कार्यक्रम के दौरान प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया जहाँ इसे सेना प्रमुख (सीओएएस) की प्रशंसा सहित बहुत प्रशंसा मिली। यह प्रणाली आधुनिक युद्ध में अत्याधुनिक तकनीक को शामिल करने, परिचालन श्रेष्ठता और लागत प्रभावी समाधान सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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