कोलकाता, 26 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय सेना के पूर्वी कमान ने अरुणाचल प्रदेश के तफलगाम गांव की पौराणिक खूबियों की जानकारी शेयर (साझा) की है। सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बताया है कि यह क्षेत्र भारत का आज से नहीं, बल्कि पौराणिक काल से हिस्सा रहा है और इसका संबंध भगवान कृष्ण से भी रहा है।
अरुणाचल प्रदेश के तफलगाम गांव की विशेषताओं और इसकी सांस्कृतिक धरोहर के बारे में भारतीय सेना (इंडियन आर्मी) ने साेशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर डिटेल साझा की है। इसमें बताया है कि तफलगाम, अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के चगलगाम सर्कल में स्थित है और लगभग 1450 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। यह गांव अपनी उपजाऊ जमीन और बेशकीमती इलायची उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। चगलगाम सर्कल, जहां यह गांव स्थित है, राज्य में इलायची उत्पादन में सबसे आगे है। तफलगाम का इलाका मिष्मी पहाड़ियों के छायादार और उपजाऊ क्षेत्रों में फैला हुआ है, जहां इदु-मिष्मी जनजाति का निवास है। यह जनजाति भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी (जो लक्ष्मी का अवतार मानी जाती हैं) से अपने ऐतिहासिक संबंधों के लिए जानी जाती है। पुराणों में इस बात का उल्लेख है कि रुक्मिणी का संबंध इसी जनजाति से था। यानी महाभारत काल से ही यह क्षेत्र भारत का हिस्सा रहा है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में बहने वाली दलाई नदी और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य रोमांच प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। यहां पर्वतारोहण, ट्रैकिंग और मछली पकड़ने जैसी गतिविधियां की जा सकती हैं, जो प्रकृति और रोमांच की तलाश में आए लोगों के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रदान करती हैं। यहां के ताजगी से भरे और अव्यवस्थित दृश्य, प्रकृति प्रेमियों के लिए एक खास आकर्षण हैं। भारतीय सेना ने इस पोस्ट के माध्यम से न केवल तफलगाम की प्राकृतिक सुंदरता को उजागर किया गया है, बल्कि इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी प्रस्तुत किया गया है। हालांकि अरुणाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों को चीन अपना इलाका होने का दावा समय-समय पर करता आ रहा है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर