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भारत ने एडीबी के साथ उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे के लिए 200 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए

बुनियादी ढांचे के लोगो का प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली, 06 नवंबर (Udaipur Kiran) । भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को उत्तराखंड में जलापूर्ति, स्वच्छता, शहरी गतिशीलता और अन्य शहरी सेवाओं सहित बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए 200 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

वित्‍त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि 200 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और एडीबी की ओर से भारत निवासी मिशन की कंट्री डायरेक्टर मियो ओका ने हस्ताक्षर किए हैं। यह परियोजना राज्य के आर्थिक केंद्र हल्द्वानी में 16 किलोमीटर जलवायु-अनुकूल सड़कों का विकास करेगी। शहर को आपदाओं के खिलाफ तैयार करने के लिए, परियोजना बाढ़ प्रबंधन में सुधार और एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को लागू करने के लिए 36 किलोमीटर तूफानी पानी और सड़क के किनारे नालियों का निर्माण करेगी। इसके साथ ही अन्य चार शहरों में इस परियोजना का लक्ष्य स्मार्ट वाटर मीटर, 26 ट्यूबवेल, नए जलाशयों और 3.5 मिलियन लीटर प्रतिदिन जल उपचार संयंत्र के साथ 1,024 किलोमीटर जलवायु-अनुकूल पाइपलाइनों का निर्माण करके जलसेवा कवरेज को 100 फीसदी तक बढ़ाना है।

इस अवसर पर जूही मुखर्जी ने कहा कि विकासनगर में सीवेज ट्रीटमेंट सुविधाओं से स्वच्छता कवरेज में सुधार होगा, जिससे लगभग 2,000 घरों को लाभ होगा। जल आपूर्ति प्रणालियों की निगरानी में महिलाओं की भूमिका को देखते हुए यह परियोजना जल आपूर्ति और स्वच्छता सेवाओं के संचालन और प्रबंधन में कमजोर परिवारों की महिलाओं सहित महिलाओं की क्षमता का निर्माण करेगी। यह परियोजना भारत सरकार के शहरी विकास एजेंडे के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार की शहरी सेवाओं को बढ़ाने की पहलों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य शहरों में रहने की क्षमता और स्थिरता को बढ़ावा देना है।

कंट्री डायरेक्टर मियो ओका ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य शहरी बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है, जो बाढ़ एवं भूस्खलन जैसे जलवायु और पर्यावरणीय जोखिमों के प्रति लचीला हो, जिससे उत्तराखंड की आबादी की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित हो सके। उन्‍होंने कहा कि यह परियोजना प्रबंधन, जलवायु और आपदा-प्रतिरोधी योजना, स्वयं के स्रोत से राजस्व सृजन और लैंगिक मुख्यधारा में लाने में राज्य एजेंसियों की क्षमता का निर्माण भी करेगा।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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