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भारत को विकास के उच्च स्तर को जारी रखने के लिए निजी निवेश को आकर्षित करने की आवश्यकता : राष्ट्रपति 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज राष्ट्रपति भवन में भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय लागत लेखा सेवा के प्रोबेशनर्स के साथ

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को कहा कि भारत को प्रति व्यक्ति आय के स्तर को बढ़ाने और अशांत वैश्विक वातावरण के बीच भी विकास के उच्च स्तर को जारी रखने के लिए निजी निवेश को आकर्षित करने की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज राष्ट्रपति भवन में उनसे मिलने आए भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय लागत लेखा सेवा के प्रोबेशनर्स को संबोधित कर रही थीं।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की तीव्र आर्थिक वृद्धि के साथ, भारतीय अर्थव्यवस्था भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने में लचीलापन प्रदर्शित कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की कई पहल विकास के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बना रही हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि विनिर्माण को बढ़ावा देने पर सरकार के बढ़ते फोकस के साथ भारतीय व्यापार सेवा के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे सीमाओं के पार व्यापार बढ़ाने के लिए अनुकूल माहौल और बुनियादी ढांचे के निर्माण को सुगम बनाएं। उनसे व्यापार वार्ता में नए आयाम लाने, नवीन नीतियां बनाने और भारत के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नई गति प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है। उन्होंने भारतीय व्यापार सेवा के अधिकारियों को याद दिलाया कि वे भारत के विकास को गति देने और बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन पर प्रभाव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय लागत लेखा सेवा के अधिकारी सरकारी कार्यों, योजनाओं और परियोजनाओं में व्यय को तर्कसंगत बनाने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं, साथ ही राजस्व का पारदर्शी मूल्यांकन सुनिश्चित करते हैं। उनसे जटिल वित्तीय और लागत प्रबंधन मुद्दों को संभालने की कुशलता की अपेक्षा की जाती है। वे विभिन्न द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के तहत डंपिंग विरोधी उपायों और सुरक्षा शुल्क जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मामलों को संभालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि उनके निर्णय और कार्य सार्वजनिक वित्त की सुरक्षा और सरकारी खरीद प्रणालियों में दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि जीएसटी प्रणाली के कार्यान्वयन में, भारतीय लागत लेखा सेवा के अधिकारियों द्वारा किए गए ऑडिट राजस्व रिसाव का पता लगाने और अनुपालन उपायों को बढ़ाने में सहायक रहे हैं। उन्होंने उन्हें इस तथ्य के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी कि वे जो कुछ भी करते हैं उसका अंतिम प्रभाव वंचित और वंचित वर्गों के कल्याण पर पड़ता है।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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