नई दिल्ली, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि भारत एक पसंदीदा वैश्विक पर्यटन स्थल है। यहां सभी मौसमों के लिए पर्यटन उपलब्ध हैं। उन्होंने वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भारत की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में विश्व पर्यटन दिवस पर आयोजित समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि आध्यात्मिकता, उत्कृष्टता, ज्ञान, वेद और 5,000 साल पुरानी सभ्यता के लोकाचार की भूमि से पर्यटक पूरे साल, सभी मौसम का अनुभव कर सकते हैं। आर्थिक विकास के इंजन के रूप में पर्यटन, भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की महत्वपूर्ण क्षमता रखता है।
उपराष्ट्रपति ने वैश्विक शांति, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया करते हुए कहा कि पर्यटन मानवता के बंधनों को जोड़ता है, जिसकी आज की दुनिया में बहुत जरूरत है। उन्होंने पर्यटन को भारत की डिजिटलीकरण क्रांति की सफलता की कहानी का अनुसरण करने का आह्वान किया। उन्होंने तीन प्रमुख क्षेत्रों अर्थव्यवस्था में व्यापक योगदान, कार्यबल को बेहतर बनाना और रोजगार पैदा करने पर प्रकाश डाला, जिन पर पर्यटन का प्रभाव पड़ेगा।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की और उन्हें पर्यटन का सबसे बड़ा राजदूत बताया। उन्होंने कहा, हमारे प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप में कुछ ही पल बिताए और पूरी दुनिया को इसके बारे में पता चल गया। उन्होंने पर्यटन, बुनियादी ढांचे और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के अध्यक्ष के रूप में अपने अनुभव पर विचार करते हुए उन्होंने कहा, यदि आप मेघालय जैसे स्थान पर जाएं, तो आप वहां के पानी की शुद्धता देखकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे; आप एक ऐसे गांव को देखकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे जो इतना पर्यावरण-अनुकूल है। यह इस बात का उदाहरण है कि भारत ने केवल दस वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में क्या-क्या उपलब्धियां हासिल की हैं।
उपराष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन परिदृश्य में उल्लेखनीय परिवर्तन पर व्यक्तिगत विचार भी साझा करते हुए कहा कि जब मैं मंत्रिपरिषद् के सदस्य के रूप में श्रीनगर गया था, तो मुझे सड़कों पर मुश्किल से एक दर्जन लोग दिखाई दिए थे। आज, पिछले साल दो करोड़ से अधिक लोग पर्यटक के रूप में कश्मीर पहुंचे थे। यह तेजी से हो रही यह वृद्धि वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती स्थिति का प्रमाण है।
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इसके वैश्विक आकर्षण का उल्लेख करते हुए धनखड़ ने कहा, यूनेस्को ने 45 विरासत स्थलों को सूचीबद्ध किया है, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है। दुर्गा पूजा, गणेश चतुर्थी और दिवाली जैसे हमारे त्यौहार आकर्षण हैं जो दुनिया भर से पर्यटकों को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन, जिसमें 200 से अधिक विदेशी प्रतिनिधिमंडल भारत आए, उन्होंने भारत के व्यंजनों, सांस्कृतिक संपदा और पर्यटन स्थलों को प्रदर्शित किया, जिससे व्यापक प्रशंसा मिली। उन्होंने जमीनी हकीकत का मूल्यांकन करने और विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों में परिणाम उत्पन्न करने के लिए टास्क फोर्स के गठन को प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू, पर्यटन और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी, पर्यटन मंत्रालय में सचिव वी. विद्यावती और अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार