HEADLINES

अंतरिक्ष के समक्ष आने वाली चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए भारत बेहतर स्थिति में : सीडीएस

तीन दिवसीय ‘अंतरिक्ष अभ्यास’ में सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी

तीन दिवसीय ‘अंतरिक्ष अभ्यास’ में रक्षा क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हुआ रोडमैप

नई दिल्ली, 13 नवम्बर (Udaipur Kiran) । अंतरिक्ष पर बढ़ते खतरों से निपटने के लिए एकीकृत रक्षा कार्मिक मुख्यालय की रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से पहले तीन दिवसीय ‘अंतरिक्ष अभ्यास-2024’ का बुधवार को समापन हो गया। इस आयोजन ने भारत की अंतरिक्ष आधारित परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने, अंतरिक्ष सुरक्षा के लिए तीनों सेनाओं के एकीकरण को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम को चिह्नित किया। चर्चाओं के दौरान यह बात साफ़ हुई कि अंतरिक्ष के समक्ष आने वाली चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए भारत बेहतर स्थिति में है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि अंतरिक्ष को कभी अंतिम सीमा माना जाता था लेकिन अब यह भारत की रक्षा एवं सुरक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार बन गया है। अंतरिक्ष अन्वेषण की अपनी समृद्ध विरासत और बढ़ती सैन्य क्षमताओं के साथ अब भारत अंतरिक्ष के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में है। तीन दिनों तक चला यह कार्यक्रम अंतरिक्ष युद्ध के क्षेत्र में भारतीय सशस्त्र बलों की रणनीतिक तत्परता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

अंतरिक्ष अभ्यास के दौरान हुईं चर्चाओं में उभरती हुई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों, अंतरिक्ष स्थिति जागरुकता और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर फोकस किया गया। इन चर्चाओं में महत्वपूर्ण संपत्तियों की निगरानी और सुरक्षा तथा तेजी से बढ़ते अंतरिक्ष वातावरण में स्थिति जागरुकता बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने सैन्य, वैज्ञानिक और शैक्षणिक क्षेत्र के अलावा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के विषय विशेषज्ञों ने सैन्य अंतरिक्ष क्षमताओं और प्रौद्योगिकियों के वर्तमान और भविष्य के परिदृश्य में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की।

रक्षा अंतरिक्ष संचालन में सामना की जाने वाली विशिष्ट चुनौतियों और अंतरिक्ष सुरक्षा, सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानूनों की उभरती प्रकृति को स्पष्ट किया। अंतरिक्ष अभ्यास ने तीनों सेनाओं और रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के बीच अंतर-संचालन क्षमता में सुधार, आपसी समझ को बढ़ावा देने और सामंजस्य बढ़ाने के अपने उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। भविष्य के सहयोग के लिए मजबूत ढांचा और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के अनुरूप भारत के अंतरिक्ष सिद्धांत और क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया गया। ——————

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

Most Popular

To Top