Uttar Pradesh

भारत विश्व में सबसे बडा कृषि सेक्टर: आनंदी बेन पटेल

दीक्षांत समाराेह में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल
दीक्षांत समाराेह में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल
दीक्षांत समाराेह में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल
दीक्षांत समाराेह में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल

मेरठ, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा कि हमारा देश विविधताओं से परिपूर्ण है, जहाँ कृषि एवं कृषि से जुड़े व्यवसायों को एक प्लेटफॉर्म पर लाए जाने की आवश्यकता है। भारत के पास विश्व का 2.4 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र है तथा चार प्रतिशत जल संसधान हैं। भारत विश्व में सबसे बड़ा कृषि का सेक्टर है।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ का 17वां दीक्षांत समारोह बुधवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस दौरान मेधावियों को 20 पदक तथा स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी में 270 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पीपल के पौधे में जल अर्पित करके किया गया। राज्यपाल ने स्कूल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों व श्रेष्ठ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्मानित किया। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को उपहार एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बच्चों के लिए आंगनबाड़ी किट का वितरण किया।

दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक हेतु 254, स्नातकोत्तर नाै एवं पीएचडी में सात छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गयी। शैक्षिक उत्कृष्टत्ता के लिए विभिन्न महाविद्यालयों के 15 छात्र-छात्राओं को कुलपति स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर पर अकादमिक और सह पाठयक्रम गतिविधियों में संयुक्त रूप से उत्कृष्ट प्रर्दशन हेतु शिवांगी सक्सेना को कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।

राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह में 70 प्रतिशत लडकियों ने पदक प्राप्त किए है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित एवं आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रधानमंत्री ने किसानो की आय दोगुनी करने को कहा है, जिसमें प्राकृतिक और जैविक खेती सहायक सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री ने श्रीअन्न को ब्रांड के रूप में विकसित कर दिया है। श्रीअन्न स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है तथा किसानों को इसकी खेती से आर्थिक लाभ भी हो रहा है। आज विश्वभर में पोषण की दृष्टि से लोगों का विश्वास श्रीअन्न उत्पादों पर बढ़ा है। इस वर्ष कैम्पस प्लेसमेंट अभियान चलाकर 28 कम्पनियों के साक्षात्कार आयोजित किए गए, जिसमें 110 छात्रों ने भाग लिया और 48 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ।

कुलाधिपति ने कहा कि छात्र-छात्राएं अपने जीवन में कृषि के ज्ञान को व्यवहारिकता में लाए तथा सरकार के द्वारा दिए जा रहे स्टार्टअप योजनाओं से जुड़कर लाभ उठाए। उन्होंने विश्वविद्यालय से आहवान किया कि नैक के बेहतर ग्रेडिंग हेतु प्रयास किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा आठ पेटेंट दाखिल करने एवं तीन पेटेंट का पंजीकरण होने पर विश्वविद्यालय को बधाई दी। प्रत्येक ब्लॉक में एक तिलहन गाँव विकसित किए जाने का भी आह्वान किया। राज्यपाल ने केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का जिक्र करते हुए 2817 करोड़ रुपये की डिजिटल कृषि मिशन एवं 3979 करोड़ रुपये के फसल विज्ञान परियोजना को कृषकों की आय बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में बताया।

विशिष्ट अतिथि प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एग्रो टूरिज्म की सम्भावनाओं को तलाशा जाए ताकि स्थानीय युवाओं को ग्रामीण स्तर पर रोजगार प्राप्त हो सके। विकसित भारत में छात्रों की भूमिका का जिक्र करते हुए छात्रों को अनुशासित होकर पढ़ाई करने एवं मेहनत से कार्य करने का आह्वान किया।

मुख्य अतिथि अध्यक्ष कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल नई दिल्ली डॉ. संजय कुमार ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 तक 4.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जायेगी, इसमें कृषि का महत्वपूर्ण योगदान होगा। कृषि भारत की आर्थिक नींव है, ये 55 प्रतिशत से अधिक आबादी को रोजगार देती है। आज हमारा देश खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बन गया है। हमारे देश में फूल, दाल, तेल, मसाले जैसी वस्तुएं आयात करनी पडती है। हमें उनका उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी नवाचार शक्तियों को पहचानना होगा तथा सकारात्मक सोच तथा बडे सपनों के साथ आगे बढ़ना होगा।

कुलपति प्रो. केके सिंह ने दीक्षांत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय की उपलब्धियों तथा भविष्य में चलाये जाने वाले कार्यक्रमों, परियोजनाओं एवं शिक्षा शोध एवं प्रसार के बारे में विस्तार से बताया। पूर्व सैनिक पुर्नवास महानिदेशालय नई दिल्ली के महानिदेशक मेजर जनरल एसबीके सिंह एवं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केके सिंह ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए जिसके अन्तर्गत भारतीय सेना के सेवानिवृत्त होने वाले अथवा सेवानिवृत्तकर्मियों को विश्वविद्यालय द्वारा 21 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मेजर जनरल एसबीके सिंह ने अवगत कराया कि इस तरह के एमओयू करने वाला यह देश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय हैं।

इन मेधावियों को दिए गए पदम

समारोह में आयूष कुमार बीएससी (ऑनर्स) कृषि को कुलपति स्वर्ण पदक, ऑलिम्पिया बाग बीएससी (ऑनर्स) कृषि को कुलपति रजत पदक, स्वामी त्यागी बीएससी (ऑनर्स) कृषि को कुलपति कांस्य पदक, महीप कौर बीएससी (ऑनर्स) उद्यान को कुलपति स्वर्ण पदक एवं श्रीमती जावित्री देवी मैमोरियल स्वर्ण पदक, प्रद्युम्न निरंजन को बीएससी (ऑनर्स) उद्यान को कुलपति रजत पदक, अभिषेक कुमार बीएससी (ऑनर्स) उद्यान को कुलपति कांस्य पदक, लावण्या रैना, बीटेक (जैव प्रौद्योगिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक, अंजली दीक्षित बीटेक (जैव प्रौद्योगिकी) को कुलपति रजत पदक, शाम्भवी कालिया बीटेक (जैव प्रौद्योगिकी) को कुलपति कांस्य पदक, विशु शर्मा, बीटेक (कृषि अभियांत्रिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक एवं ठाकुर शशिपाल सिंह मैमोरियल स्वर्ण पदक, शिवांगी सक्सेना, बीटेक (कृषि अभियांत्रिकी) को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, कुलपति रजत पदक एवं सरिता मैमोरियल स्वर्ण पदक, आयुष श्रीवास्तव बीटेक (कृषि अभियांत्रिकी) को कुलपति कांस्य पदक, पूजा गुप्ता बीटेक (खाद्य प्रौद्योगिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक एवं प्रो. शमशेर स्वर्ण पदक, अंजली गुप्ता बीटेक (खाद्य प्रौद्योगिकी) को कुलपति रजत पदक, आरूषी गुप्ता बीटेक (खाद्य प्रौद्योगिकी) को कुलपति कांस्य पदक प्रदान किए गए।

इस अवसर पर सरधना विधायक अतुल प्रधान, जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी विपिन ताडा, अपर जिलाधिकारी बृजेश सिंह, जिला सूचना अधिकारी सुमित कुमार आदि उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / डॉ.कुलदीप त्यागी

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