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भारत वैश्विक सेवाओं में महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरा, लेकिन चीन हावी : वी. अनंथा नागेश्वरन

प्रेस को संबोधित करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंथा
प्रेस को संबोधित करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंथा

नई दिल्ली, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ. वी. अनंथा नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि भारत वैश्विक सेवाओं में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरा है। हालांकि, वैश्विक बाजार में चीन की मौजूदगी और प्रभुत्व को कम नहीं आंका जा सकता। सीईए ने कहा कि भारत को वृद्धि की ऊंची रफ्तार बनाए रखने के लिए अगले दो दशक में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को लगातार बढ़ाने की जरूरत है।

डॉ. वी. अनंथा नागेश्वरन आज केंद्रीय वित्त मंत्री के संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश करने के बाद नई दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वैश्विक सेवाओं में भारत की बढ़ती प्रमुखता पर प्रकाश डालते हुए इस क्षेत्र में देश के के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि चीन ने पिछले कुछ दशकों में उच्च तकनीक और मध्यम तकनीक उद्योगों में एक प्रमुख उपस्थिति बनाए रखी है। सीईए ने कहा कि चीन की निर्माण क्षमता पर जोर दिया गया है, जिसके साथ दुनिया के सकल उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी अगले 10 देशों के संयुक्त हिस्से से अधिक होने की उम्मीद है।

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि भारत को घरेलू विकास के मामले में जोर देना होगा, क्योंकि वैश्विक संदर्भ और विकास के लिए रूपरेखा बदल गई है। उन्होंने कहा की वैश्वीकरण, व्यापार और वस्तुओं और सेवाओं की तेज और बड़ी आवाजाही का युग हमारे पीछे रह गया है। उन्होंने 2047 तक ‘विकसित भारत’ की अपनी आकांक्षा को साकार करने के लिए भारत के लिए विकास के तीन लीवर की पहचान की, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण विकास के लिए विनियमन में ढील, राष्ट्र निर्माण में निजी क्षेत्र की भूमिका और भारत की प्राथमिकताओं के साथ ऊर्जा परिवर्तन है।

सीईए ने उद्यमियों और परिवारों के लिए समय और मानसिक बैंडविड्थ को बहाल करने के लिए केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर विनियमन को कम करने पर जोर दिया, जिसका अर्थ है “विनियमन को काफी हद तक वापस लेना”। उन्होंने कहा, “इसका मतलब है आर्थिक गतिविधि को सूक्ष्म रूप से प्रबंधित करना बंद करने और जोखिम-आधारित विनियमन को अपनाने की शपथ लेना और कार्य करना।” नागेश्वरन ने कहा, “इसका मतलब विनियमन के संचालन सिद्धांतों को ‘निर्दोष साबित होने तक दोषी’ से बदलकर ‘दोषी साबित होने तक निर्दोष’ करना है।”

इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि राष्ट्रीय खातों के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है। आर्थिक सर्वेक्षण के मताबिक उम्मीद जताई गई है कि अगले वित्त वर्ष 2025-26 में आर्थिक वृद्धि दर 6.3 से 6.8 फीसदी के बीच होगी। इसके साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार रबी की अच्छी पैदावार से वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में खाद्य कीमतों पर लगाम लगने की संभावना है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को लगातार आठवीं बार केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करेंगी। सीतारमण द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.3-6.8 फीसदी की जीडीपी वृद्धि का अनुमान जताया गया है।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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