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भारत सहानुभूतिपूर्ण, नैतिक और समतापूर्ण विज्ञान में विश्वास करता है : धर्मेंद्र प्रधान

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार को आईआईटी हैदराबाद में वैश्विक युवा वैज्ञानिकों के सम्मेलन में

नई दिल्ली, 10 जून (Udaipur Kiran) । केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को आईआईटी हैदराबाद में वैश्विक युवा वैज्ञानिकों के सम्मेलन और ग्लोबल यंग अकादमी की वार्षिक आम बैठक में कहा कि भारत सहानुभूतिपूर्ण, नैतिक और समतापूर्ण विज्ञान में विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को साझा किया जाना चाहिए और पेटेंट नहीं बल्कि साझेदारी को भविष्य को आकार देना चाहिए।

प्रधान ने कहा कि भारत के लिए वसुधैव कुटुम्बकम – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य – केवल एक नारा नहीं है, बल्कि जीवन जीने का तरीका है। भारत ऐसे विज्ञान में विश्वास करता है जो सहानुभूतिपूर्ण, नैतिक और न्यायसंगत हो। प्रधान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत की वैश्विक भागीदारी इन मूल्यों में निहित हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा रोधी अवसंरचना के लिए करार, मिशन लाइफ और भारत विज्ञान एवं अनुसंधान फेलोशिप जैसी पहलों का हवाला देते हुए कहा कि ये पहल भारत के विश्व बंधुत्व – विज्ञान के माध्यम से वैश्विक मैत्री के भारत के दृष्टिकोण के प्रतिबिंब हैं।

प्रधान ने कहा कि वर्तमान समय में वैज्ञानिकों, नवप्रवर्तकों और नीति निर्माताओं के लिए एक साथ आना और इकोसिस्टम और समाधानों का निर्माण करना सबसे उपयुक्त समय है जो सबसे अधिक कमजोर लोगों को सशक्त बनाते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सम्मेलन ज्ञान को दूसरों की सेवा में लगाने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।

प्रधान ने आईआईटी हैदराबाद परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण भी किया। उन्होंने कहा कि अपनी मां के सम्मान में एक पेड़ लगाना एक छोटा सा कार्य है जिसका गहरा संदेश और बड़ा प्रभाव है। उन्होंने सभी से हरित आंदोलन का नेतृत्व करने और सतत भविष्य के लिए प्रकृति की रक्षा, संरक्षण और पोषण करने का आग्रह किया।

ग्लोबल यंग अकादमी, इंडियन नेशनल यंग अकेडमी ऑफ साइंस और इंडियन नेशनल साइंस अकादमी के सहयोग से आईआईटी हैदराबाद द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में 60 देशों के 135 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि और 65 राष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में पर्यावरण, सामाजिक और शासन, स्वास्थ्य और पोषण, उद्योग 5.0 और नवाचार और उद्यमिता जैसे विषयों पर चर्चा होगी। कार्यक्रम में आईआईटी हैदराबाद के निदेशक प्रो. बी.एस.मूर्ति, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष शर्मा, आईआईटी हैदराबाद के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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