Assam

प्रदेश में सीएपीएफ की तैनाती के खिलाफ ग्रामीणाें का अनिश्चितकालीन धरना शुरू

इटानगर, 23 मई (Udaipur Kiran) । बांध सर्वेक्षण को लेकर केंद्रीय अर्ध सैनिक बल की तैनाती के खिलाफ शुक्रवार से नो डैम-नो सर्वे के बैनर तले अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले के बेगिंग गांव में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है। सियांग स्वदेशी किसान मंच द्वारा आयोजित किया जा रही है।

सरकार ने प्रस्तावित सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना के लिए पूर्व-व्यवहार्यता सर्वेक्षण की सुविधा के लिए सियांग और ऊपरी सियांग जिलों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को तैनात किया है, जिससे स्थानीय समुदायों के बीच तनाव और विरोध बढ़ गया है।

प्रदेश सरकार ने सियांग नदी पर 11,000 मेगावाट की पनबिजली परियोजना का उद्देश्य जल सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करना और चीन द्वारा संभावित अपस्ट्रीम विकास का मुकाबला करना है। हालांकि, निवासियों ने विस्थापन, पर्यावरणीय प्रभाव और पर्याप्त परामर्श की कमी के बारे में आशंका व्यक्त की है।

अरुणाचल सरकार इस बांध को चीन की गतिविधियों के खिलाफ रक्षा संरचना के रूप में स्थापित करना चाहती है। तिब्बत के यारलुंग त्सांगपो नदी पर बीजिंग द्वारा 60,000 मेगावाट के मेडोग बांध काे लेकर अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ड्रैगन का मुकाबला करने में उक्त परियोजना के रणनीतिक महत्व पर बार-बार जोर दिया है। उन्हाेंने बताया कि यारलुंग त्सांगपो नदी पर चीन द्वारा दुनिया के सबसे बड़े जलविद्युत बांध के निर्माण से अरुणाचल प्रदेश, असम और बांग्लादेश में रहने वाले लाखों लोगों की जल सुरक्षा, पारिस्थितिकी और आजीविका के लिए गंभीर खतरा बन रही है।

वहीं, सियांग स्वदेशी किसान मंच (एसआईएफएफ) ने सीएपीएफ की तैनाती की निंदा की है और सरकार से प्रभावित समुदायों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया है। क्षेत्र में भूकंपीय संवेदनशीलता और पैतृक भूमि के संभावित नुकसान को लेकर स्थानीय निवासी संशय में हैं।

यह स्थिति स्थानीय समुदायों के अधिकारों और चिंताओं के साथ बुनियादी ढांचे के विकास को संतुलित करने की चुनौतियों को रेखांकित करती है।एसआईएफएफ के कानूनी सलाहकार भानु तातक ने बताया कि 23 मई से बेगिंग साइट पर तैनाती के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो रहा है।

(Udaipur Kiran) / तागू निन्गी

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