धमतरी, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ प्रदेश के लाइसेंसधारी दस्तावेज लेखक एवं स्टांप विक्रेता जनकल्याण संघ के सभी सदस्य प्रदेश आव्हान पर 21 अक्टूबर से अपनी विभिन्न समस्याओं एवं मांगों को लेकर हडताल पर थे, जिसके चलते शासन को करोड़ों रुपये की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। विभाग के महानिरीक्षक के साथ हुई चर्चा के बाद कुछ मांगों पर सहमति बनी और कुछ पर विचार करने का आश्वासन दिया गया है। इसके बाद से अनिश्तिकालीन हड़ताल समाप्त कर दी गई।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनीष गुप्ता द्वारा ने बताया कि हड़ताल के दौरान शासन के प्रतिनिधि के रूप में विभागीय महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक ने 24 अक्टूबर को प्रदेश प्रतिनिधियों को वार्तालाप के लिए बुलाया। संघ परिवार के प्रदेश प्रतिनिधि अपने प्रदेश अध्यक्ष मनीष गुप्ता एवं जगदीश साहू के साथ लगभग 65 सदस्यों के सदस्यों का प्रतिनिधी मण्डल वार्तालाप के लिए पहुंचा। जहां पर चर्चा हुई। विभिन्न बिंदुओं पर संघ एवं महानिरीक्षक के मध्य कुछ बातों में सहमति बनी पर कुछ शर्तों पर सहमति नहीं बनने के कारण हड़ताल को 25 अक्टूबर को भी जारी रखा गया। जिस पर पुनः महानिरिक्षक से 26 अक्टूबर शनिवार को सभी बिंदुओं पर चर्चा एवं आश्वासन के बाद संघ ने अपनी प्रमुख मांग को उनके समक्ष रखा। पूरे प्रदेश में रजिस्टी एनजीडीआरएस से एवं सुगम एप में सामान्य फोटो अपलोड किया जाना, दस्तावेज लेखन की लिखाई दर (तीन स्कैल दर) में बढोत्तरी, ई-स्टाम्प पर कमीशन एक प्रतिशत के साथ ही मैनुवल स्टाम्प पर 20 की कमीशन, ई-स्टाम्प रिंफड आनलाईन, नये लाइसेंस में नियंत्रण, लाइसेंस के नवीनीकरण में संघ की अनुशंसा अनिर्वाय, लाइसेंस का नवीनीकरण तीन वर्ष, छत्तीसगढ राज्य के रजिस्ट्री पंजीयन में एकरूपता, ई-स्टाम्प में सामान्य त्रुटि में 10 रुपये का अतिरिक्त स्टाम्प संलग्न करने के साथ ही रजिस्ट्री से संबंधित कार्यों से कभी भी दस्तावेज लेखक एवं स्टाम्प वेंडरों को अलग नहीं किया जाने की शर्तों को रखा। प्रदेश अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने बताया कि सभी शर्तों के बाद मिले आश्वासन पर अनिश्चितकालीन हड़ताल को समाप्त करने की घोषणा की गई है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा