Uttrakhand

उत्तर क्षेत्र के कुलपतियों के दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ

उत्तराखंड के राज्यपाल मंगलवार को  भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) की ओर से आयोजित दो दिवसीय उत्तर क्षेत्र के कुलपतियों सम्मेलन को संबोधित करते।
उत्तराखंड के राज्यपाल   भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) की ओर से आयोजित दो दिवसीय उत्तर क्षेत्र के कुलपतियों सम्मेलन में।

-ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी तकनीकी एकीकरण में मिले अवसर : राज्यपाल

देहरादून, 05 नवम्बर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने मंगलवार को ग्राफिक एरा में भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) की ओर से आयोजित दो दिवसीय उत्तर क्षेत्र के कुलपतियों के सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि तकनीकी एकीकरण का ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी समान अवसर मिलना चाहिए। इस सम्मेलन में नॉर्थ जोन के 100 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपति प्रतिभाग कर रहे हैं।

राज्यपाल ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज उच्च शिक्षा का परिदृश्य एक उल्लेखनीय परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। जैसे-जैसे वैश्विक परिवर्तन की गति तेज हो रही है, प्रौद्योगिकी हमारे जीने,काम करने और सीखने के तरीके को बदल रही है। उन्होंने कहा कि हमारे शैक्षणिक संस्थान इन परिवर्तनों को अपनाने के लिए विकसित हों इस पर विशेष प्रयास करने की जरूरत है।

राज्यपाल ने कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा की तकनीकी एकीकरण केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित न रहे बल्कि इनका ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी समान अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने कुलपतियों से आग्रह किया कि हमारी युवा पीढ़ी को 21वीं सदी में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक तकनीक और कौशल से लैस करें विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण योगदान है।

राज्यपाल ने कहा कि आज के महत्वपूर्ण बदलाव के दौर में,जहां तकनीकी एकीकरण उच्च शिक्षा के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह सही समय है कि हम अपनी उच्च शिक्षा प्रणाली को तकनीकी नवाचारों के साथ जोड़ें ताकि हम एक ऐसे प्रगतिशील समाज की स्थापना कर सकें जो ज्ञान,अनुसंधान और नवाचार पर आधारित हो,जिससे वे भविष्य की चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकें।

राज्यपाल ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को ज्ञान प्राप्त करने के लिए व्यावहारिक कौशल व अनुभव की भी आवश्यकता है। तकनीकी एकीकरण का अर्थ केवल डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना नहीं है बल्कि यह छात्रों के सीखने के अनुभव को समृद्ध करना है। इसलिए, हमें ऑनलाइन शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों का भरपूर उपयोग करना होगा और यह सभी वर्तमान समय की मांग है।

नवाचार को अपनाने और रैंकिंग सुधारने पर विशेष ध्यान की जरूरत है : मंत्री धन सिंह

इस मौके पर उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी कुलपतियों का देवभूमि में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एआईयू उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए जो काम कर रहा है वह सराहनीय है और यह संगठन 100 वर्षों की विरासत को संजोए हुए है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय तकनीक का समय है, विश्वविद्यालयों को नवाचार को अपनाने और निरंतर रैंकिंग सुधारने पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। प्रदेश में भी सभी विश्वविद्यालयों का एक आधिकारिक संगठन बनाए जाने पर कार्य किया जा रहा है, जिससे सभी विश्वविद्यालय आपस में बेस्ट प्रैक्टिसेज साझा कर सकें और आपसी समन्वय से कार्य कर सकें।

सम्मेलन को ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के अध्यक्ष प्रो.कमल घनशाला, एआईयू के अध्यक्ष व सीएसजेएम यूनिवर्सिटी कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह, पूर्व अध्यक्ष एआईयू डॉ. जी. डी. शर्मा, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत सहित नॉर्थ जोन विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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