जबलपुर, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (डीएनएलयू), जबलपुर ने जेंडर डाइमेंशन्स ऑन ट्रेड’ पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह की सफलतापूर्वक मेजबानी की। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम डब्ल्यूटीओ चेयर्स प्रोग्राम के तत्वावधान में और विश्व व्यापार संगठन के लैंगिक और व्यापार कार्यालयों, व्यापार और निवेश विधि केंद्र (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार) और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, ओडिशा में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विधि केंद्र के सहयोग से आयोजित किया गया।
सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति जी. एस. अहलूवालिया; डीएनएलयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) मनोज के. सिन्हा, विश्व व्यापार संगठन में व्यापार और लिंग कार्यालय की प्रमुख अनुश डेर बोघोसियन; व्यापार और निवेश विधि केंद्र के प्रमुख और डब्ल्यूटीओ इंडिया चेयर के प्रमुख प्रो. जेम्स जे. नेदुम्पराः नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, ओडिशा में डीन प्रो डॉ शीला राय की विशिष्ट उपस्थिति में हुआ।
न्यायमूर्ति जी.एस. अहलूवालिया ने अपने उद्घाटन भाषण में आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने छात्रों से विश्वविद्यालय के नाम ‘धर्मशास्त्र’ से प्रेरणा लेते हुए अपने जीवन में धर्म को अपनाने का आग्रह किया। न्यायमूर्ति अहलूवालिया ने इस बात पर जोर दिया कि लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिए व्यक्तिगत मानसिकता और सामाजिक विचारों में बदलाव की आवश्यकता है न्यायमूर्ति अहलूवालिया ने आगे कहा कि व्यापार केJवल वस्तुओं का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि इसके व्यापक निहितार्थ हैं, जिसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए विधिक पहलुओं में विशेषज्ञता की आवश्यकता है।
व्यापार और निवेश विधि केंद्र (CTIL) की स्थापना अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश कानून में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में की गई थी और इसका आधिकारिक रूप से 2016 में उद्घाटन किया गया था। CTIL वैश्विक व्यापार प्रणाली के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत करने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश विधि की अपनी समझ को बढ़ाने के भारत के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक / डॉ. मयंक चतुर्वेदी