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हरिद्वार, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतमाता पुरम स्थित श्री पुरुषार्थ आश्रम सेवा ट्रस्ट में महामनीषी निरंजन स्वामी के संयोजन में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ। कथा से पूर्व परमार्थ घाट से पुरुषार्थ आश्रम तक महिला श्रद्धालु एवं भक्तों द्वारा भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई।
पुरुषार्थ आश्रम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भवसागर की वैतरणी है, जो व्यक्ति के मन से मृत्यु का भय मिटाकर उसके बैकुंठ का मार्ग प्रशस्त करती है। वास्तव में श्रीमद् भागवत कथा देवताओं को भी दुर्लभ है। सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है। इसलिए सभी को समय निकालकर कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए।
कथा व्यास साध्वी विष्णु प्रिया ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि यह कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। उन्हाेंने कहा कि कथा श्रवण से सोया हुआ ज्ञान और वैराग्य जागृत हो जाता है। कलयुग में मोक्ष प्राप्ति के लिए श्रीमद् भागवत से बढ़कर और कोई ग्रंथ नहीं है। जहां अन्य युगों में मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते थे। कलयुग में श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से ही व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि देवभूमि हरिद्वार की पवित्र धरा पर कथा श्रवण से श्रोताओं को सहस्र गुना पुण्य फल प्राप्त होता है।
कथा के मुख्य यजमान रामेश्वर लाल एवं किरण देवी ने कथा में पधारे संत महापुरुषों का स्वागत फूल माला पहनानकर किया। इस अवसर पर शिवनारायण गोयल, सुमन लता, बसंत भक्कड़, ललिता देवी, बृजलाल, अनिल कुमार, प्रेम प्रताप मेहता, नरेश कुमार, आचार्य महेंद्र त्रिपाठी, आशुतोष पांडे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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