लखनऊ, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा परियोजना (एनपीईपी) की मध्यावधि समीक्षा बैठक का शुभारंभ शनिवार को लखनऊ के एक निजी होटल में हुआ। इस तीन दिवसीय समीक्षा बैठक में 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 5 क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों से लगभग 70 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। यह बैठक 21 अक्टूबर तक चलेगी।
बता दें कि यह परियोजना 1980 के दशक से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के तत्वावधान में संचालित है और यह एनपीईपी के माध्यम से किशोरों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और उन्हें जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित करने के प्रयास में निरंतर गतिशील है।
इस दौरान एनसीईआरटी की प्रोफेसर गौरी श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम 2023 के तहत किशोरों के स्वास्थ्य और उनके सर्वांगीण विकास पर जोर दिया। उन्होंने जनसांख्यिकी लाभांश के प्रभावों पर भी प्रकाश डाला।
एससीईआरटी के निदेशक डॉ. पवन सचान ने किशोरावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखने पर जोर दिया। उन्होंने शारीरिक व्यायाम और प्ले ग्राउंड की आवश्यकता पर विशेष बल दिया, साथ ही ड्रग्स और इंटरनेट की लत के खतरों पर भी प्रकाश डाला।
एससीईआरटी लखनऊ के निदेशक गणेश कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के अंतर्गत टीम वर्क, मूल्य संवर्धन और भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. विजय कुमार मलिक ने समीक्षा बैठक के विभिन्न आयामों पर चर्चा की और किशोरों से संबंधित 11 मुख्य बिन्दुओं पर अपना विचार प्रस्तुत किया। डॉ. मुकेश कुमार वर्मा ने धन्यवाद भाषण देते हुए सभी प्रतिभागियों और आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।
बैठक का उद्घाटन अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. भैरूलाल यादव ने किया।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन