Madhya Pradesh

अशोकनगर में रचा गया अनूठा इतिहास, न्यायालय परिसर में संविधान वाटिका का लोकार्पण

न्यायालय परिसर में संविधान वाटिका का लोकार्पण

अशेाकनगर, 08 फरवरी (Udaipur Kiran) । अशोकनगर के जिला न्यायालय में शनिवार को इतिहास रचा गया। यहां न्यायालय परिसर में संविधान वाटिका का लोकार्पण एवं उसमें संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण बतौर मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के कर कमलों से हुआ। इस अवसर पर मप्र उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक जज आनंद पाठक एवं म.प्र. उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के पोर्टफोलियो जज अनिल वर्मा के विशिष्ट आतिथ्य एवं अध्यक्षता में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद्र आर्य एवं जिला अभिभाषक संघ अशोकनगर के अध्यक्ष चंद्रशेखर साहू और उनकी टीम के सदस्य मौजूद रहे।

उक्त पुनीत कार्य में समाजसेवी संस्थाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। शासन के समस्त विभागों, कलेक्टर सुभाष द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार जैन ने विशेष रूचि लेकर सहभागिता निभाई। सभी अभिभाषकों, न्यायालयीन कर्मचारियों, न्यायिक अधिकारियों, श्रमिकों के सामूहिक प्रयास से उक्त कार्य पूर्ण हुआ। देश में संभवतः यह पहला अवसर है कि जहां किसी जिला न्यायालय में ऐसी विचारधारा को पुष्पित और पल्लवित करने का अनूठा प्रयास प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद्र आर्य की सोच और अध्यक्ष चंद्रशेखर साहू की सहभागिता से पूर्ण हुआ।

इसका उद्देश्य संविधान के प्रति जागरूगता बढ़ाने, न्यायालय परिसर में आने वाले पक्षकारों, आगुन्तकों के मन में कानून की समीक्षा को विकसित करना है क्योंकि वाटिका में सैल्फी प्वाइंट संविधान की प्रस्तावना के विवरण के साथ बनाया गया है, जिसमें लोग अपना फोटो निकालकर उद्देशिका से लोगों को अवगत करा पाएंगे। वाटिका में देश के महान महापुरूषों के आदर्श वचनों को भी उखेड़ा गया है, जिन्हें आम जनता व पक्षकार वहां पढ़ सकेंगे और उससे प्रेरणा ले सकेंगे और समाज में सकारात्मक सोच की जागृति पैदा होगी तथा वाटिका में वृक्षों का ऐसा वातावरण निर्मित किया गया है, ऐसी बैठक व्यवस्था रखी गई है, जहॉ बैठकर व्यक्ति चिंतन कर सकता है, निराशा को दूर कर सकता है, अपना आत्मबल बढ़ा सकता है।

इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति सुरेश कुमार कैत ने अपने विचार व्यक्त करते हुये संविधान की मूल भावना को समझाने का संदेश दिया। उन्होंने बाबा साहेब अम्बेडकर को व्यक्ति न होकर एक विचार की संज्ञा दी और विचार से सबको अपना जीवन कानून सम्मत तरीके से जीने की प्रेरणा दी। प्रशासनिक जज आनंद पाठक द्वारा अपने विचारों में संविधान की प्रस्तावना के शब्दों की व्याख्या करते हुये वकीलों को यह संदेश दिया कि वे जिन मुकदमों को लड़ते हैं, उनकी जो फाईल बनाते हैं, वह फाईल पक्षकार की लाईफ होती है अर्थात जीवन होता है। उन्होंने वकीलों को संदेश दिया कि वे ईमानदारी और मेहनत से पक्षकारों के प्रकरण को एक मुकदमा न मानकर उसकी लाईफ या उसका जीवन समझ कर कार्यवाही करें तो पक्षकारों का भी भला होगा और उनका भी भला होगा।

पोर्टफोलियो जज अनिल वर्मा ने अपने उद्बोधन में नगरवासियों को संदेश दिया कि अशोकनगर जिला न्यायालय परिसर में जिस डिजाईन से वाटिका का निर्माण हुआ है, जो वृक्षारोपण कर हरियाली की गई है, जो सुंदरता दी गई है। ऐसी ही सुंदरता वे अपने जीवन में लायें और अपने जीवन को, अपने घर को भी सुंदर बनाने की प्रेरणा लें। सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों को भी संदेश दिया कि जहां प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद्र आर्य ने न्यायालय परिसर को नौकरी का स्थान न मानकर उसे अपना घर परिवार मानकर उसे सजाने का प्रयास किया है। वह सभी को यह संकेत देता है कि अगर स्थल को भी आप अपने घर की तरह सुसज्जित, सुशोभित करते हुये अपने पदीय कार्यों का निर्वहन कर सकते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिये।

अभिभाषक संघ के अधिवक्ता चंद्रशेखर साहू ने ओजस्वी भाषण में देश प्रेम की रचना को प्रस्तुत किया। इससे श्रोताओं और कार्यक्रम के साक्षी बने व्यक्तियों में देश भावना जागृत हुई, उनके ओजस्व भाषण से सभी अभिभूत हुये। अभिभाषक संघ के सचिव रामनिवास शर्मा ने माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय का जीवन परिचय रखा और यह संदेश दिया कि उनके जीवन से यह शिक्षा ली जा सकती है कि कुछ भी संभव नहीं है, यदि कड़ा परिश्रम किया जाये। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री प्रकाश चंद्र आर्य द्वारा अपने उद्बोधन में न्यायपालिका की महान विभूतियों के आगमन की सराहना की, उनके विचारों से सभी को प्रेरणा लेने का एक आह्वान किया। उन्होंने भी अपने विचार व्यक्त करते हुये जिस सुनियोजित तरीके से संविधान वाटिका का निर्माण कराया, वह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र को मूर्त रूप देता है।

कार्यक्रम की शहर में एवं पत्रकारिता जगत में भूरी-भूरी प्रशंसा हो रही है। अशोकनगर के वासियों को यह एक उपहार की तरह प्राप्त हुआ है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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