गुवाहाटी, 08 सितंबर (Udaipur Kiran) । श्री हरि सत्संग समिति के श्रीमद्भागवत कथा प्रशिक्षण का उद्घाटन समारोह आज आध्यात्म विद्या अनुसंधान केंद्र, गुवाहाटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन पूज्य संत सूर्यानंद महाराज, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय पदाधिकारी मनोहर एवं विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ दिनेश तिवारी, क्षेत्र धर्म प्रसार प्रमुख (विहिप) के पूर्ण चंन्द्र मंडल, श्री हरि सत्संग समिति के अध्यक्ष अजित जेना के कर कमलों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में डॉ दिनेश तिवारी ने बताया कि आज पुर्वोत्तर के हिन्दू समाज के बीच धर्म विरोधी शक्तियां लगातार सनातन को कमजोर करने के लिए लगी हुई हैं। हमारा पुर्वोत्तर युगों-युगों से धर्मनिष्ठ रहा है। ईसाई मिशनरी एक नगा को ईसाई बनाने में 65 वर्ष लग गए। ईसाई इस काम को लगातार करते रहे और देखते-देखते ईसाइयत ने पांव पसार लिया लेकिन सनातनी पूजा पद्धति को नगा समुदाय के लोग छोड़ने को तैयार नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि आज भी आपको उनके घरों में, उनके जीवन पद्धति में सनातनी रीति-नीति साफ दिख जाती है। आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि असम के चाय बागानों की बहनों के लिए आयोजित यह छह माह का प्रशिक्षण सनातन को मजबूती प्रदान करेगा।
प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए संत सूर्यानंद स्वामी ने बताया कि आज संत समाज सनातन को जगाने के लिए लगातार प्रवास के माध्यम से काम कर रहा है। सनातन धर्म ही दुनिया को शांति, सद्भाव और प्रेम का पथिक बना सकता है। अन्य धर्म के नाम पर लोग दुनिया में हिंसात्मक कार्य को बढ़ाने में अनवरत लगे हैं। जबकि, आज सनातन अपने पुनर्जागरण के तरफ सतत अग्रसर है।
इस कार्यक्रम में अरुण कुमार बजाज, सुभाष अग्रवाल, सागर मल बुडाकिया, देवव्रत सातकोटा (प्राचार्य, तिनसुकिया) रंजीत बोरा, पूज्य संत सूर्यानंद गिरि महराज, प्रमोद राजबंसी (संगठन मंत्री), रूपाली हजारिका (प्रशिक्षण प्रमुख), प्रदीप बोरका (सचिव हरि सत्संग समिति), विनोद कयाल आदि उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय