Uttar Pradesh

आधुनिक युग में भागदौड़ की जिन्दगी अवसाद व तनाव का कारण: विनय आर्या

सेमिनार का शुभारम्भ करते डीएलएसए सचिव व अपर जनपद न्यायाधीश विनय आर्या एवं अन्य

– विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एवं मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सेमिनार

मीरजापुर, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं मुख्य चिकित्साधिकारी के संयुक्त तत्वावधान में गुरूवार को स्वामी विवेकानन्द हाल में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एवं मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सेमिनार का शुभारम्भ डीएलएसए सचिव व अपर जनपद न्यायाधीश विनय आर्या एवं उप मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. मुकेश प्रसाद ने किया। अपर जनपद न्यायाधीश ने कहा कि आधुनिक युग में भाग दौड़ की जिन्दगी में प्रत्येक व्यक्ति तनाव में होता है और वह अवसाद व तनाव में होता है। रोगी को बार बार नकारात्मक विचारों का आना, अंजाना भय एवं कुछ अनहोनी होने के विचार मन में आते रहते हैं।

उन्हाेंने कहा कि तनाव मुक्त होने के लिए समय से मनः चिकित्सक से इलाज कराना आवश्यक है। मानसिक एवं तनाव को दूर करने के लिए समय-समय पर चिकित्सक के सर्म्पक में रहना चाहिए। उन्होने डिप्टी सीएमओ को निर्देशित किया कि मानसिक रोग के इलाज के सर्न्दभ में व्यापक प्रचार प्रसार कराना सुनिश्चित करें। मानसिक रोगियों को यदि किसी भी प्रकार दिक्कत आती है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर सहायता प्राप्त कर सकता है।

डिप्टी सीएमओं ने उपस्थित डार्टस को बताया कि मानसिक रोगियों की संख्या अन्य रोगियों की तुलना में ज्यादा है। इस रोग का पहचान नींद का कम आना या अत्यधिक आना, अंजाना भय, काल्पनिक आवाज सुनाई देना, भूत-प्रेत का डर, आत्महत्या की भावना या आत्महत्या का प्रयास करना, किसी काम में मन न लगना, रोने की इच्छा होना, झुझलाहट एवं अत्यधिक आकामक्ता, शारीरिक नुकसान पहुंचाना जैसे लक्षण होते हैं। ऐसे मानसिक रोगियों का इलाज साइकॉस्टि द्वारा मंडलीय चिकित्सालय में निःशुल्क होता है। सेमिनार में एसीएमओ डाॅ. अनिल कुमार ओझा, एनएचएम डा. अजय सिंह, डाॅ. अवधेश कुमार सिंह, डाॅ.आरके राय, डाॅ. राजन सिंह एवं अन्य विशेषज्ञ ने मानसिक रोग और स्वाथ्य व इलाज पर अपने विचारों को व्यक्त किये।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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