
धर्मशाला, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद डा. राजीव भारद्वाज ने कहा कि देश में दस वर्ष में जन औषधि केंद्रों की संख्या 15 हजार हो गई है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र की सत्ता संभालने से पहले यह संख्या महज 90 थी। वर्ष 2027 तक देश भर में 25 हजार जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य तय किया गया है, जिससे गरीब लोगों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां मिल सकें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विरोधियों को भी अपना बना लेते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और हिमाचल मिलकर प्रदेश को स्वस्थ बनाएंगे। सांसद डा. राजीव भारद्वाज शुक्रवार को धर्मशाला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 7वें जन औषधि दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करते हुए बोल रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकसभा सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज और राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी ने की। डॉ. भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में हर साल 7 मार्च को जन औषधि दिवस के रूप में मनाया जाता है। औषधि दिवस मनाने का उद्देश्य सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण दवाइयां मुहैया कराना है। जिला कांगड़ा में फिलहाल 16 और जिला चंबा में सात जन औषधि चल रहे हैं। इन जन औषधि केंद्रों 2000 प्रकार की दवाइयां और 300 सर्जिकल उत्पाद 50 से 80 प्रतिशत कम मूल्य पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
