
रांची, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) ।
वन नेशन-वन इलेक्शन विषय पर चेंबर भवन में मंगलवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मौके पर इस प्रस्तावित चुनाव सुधार के महत्व, लाभ और दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सदस्यों ने देशहित में चुनाव सुधार के इस पहल का स्वागत करते हुए वन नेशन-वन इलेक्शन के महत्व पर अपने विचार रखे और एक स्वर में संसद से पारित इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
मौके पर चेंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से सबसे अधिक व्यापारी प्रभावित होते हैं। इससे आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पंडरा का पूरा बाजार लगभग दो माह तक पूर्ण रूप से प्रभावित रहता है। शिक्षकों और बैंककर्मियों की व्यस्तता के कारण स्कूली बच्चों की पढ़ाई और बैंकिंग कार्य भी प्रभावित होते हैं। प्रशासनिक कार्य भी बंद रहते हैं। देश में एक साथ चुनाव होने से बार-बार होनेवाली समस्या से बचा जा सकता है।
यह कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं : कुणाल
पूर्व अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव यह कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं, बल्कि एक विकसित भारत और वाईब्रेंट डेमोक्रेसी का मुद्दा है। यह एक विकसित, सक्षम और सशक्त भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम है जो न केवल प्रशासनिक लागत को कम करेगा बल्कि लोकतंत्र को और अधिक प्रभावी तथा मजबूत बनायेगा।
इस दौरान मौजूद नगर निगम के पूर्व उपमहापौर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि एक साथ चुनाव होने से देश के संसाधनों की बचत के साथ ही चुनाव में जनता की भागीदारी भी बढ़ती है। उन्होंने इस प्रस्ताव के समर्थन में राष्ट्रपति को व्यापार और उद्योग जगत के बंधुओं के साथ ही सभी संगठनों से पत्र प्रेषित करने की अपील की।
पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा और धीरज तनेजा कहा कि एक बार चुनाव होने से सबसे अधिक प्रसन्न गृहणियां होंगी। प्रस्ताव के समर्थन में देश के हर नागरिक को राष्ट्रपति को अपना पत्र भेजना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक रोहित पोद्दार और निवर्तमान अध्यक्ष किशोर मंत्री ने अपने विचार साझा करते हुए समाज के सभी वर्ग से देशहित के इस मुद्दे पर समर्थन करने और जागरूकता फैलाने की अपील की।
चर्चा के दौरान इस चुनाव सुधार के समर्थन में संताल परगना प्रमंडल से एक हजार पोस्टकार्ड राष्ट्रपति को भेजने लिए क्षेत्रीय उपाध्यक्ष संजय अग्रवाल ने आश्वस्त किया।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
