Uttar Pradesh

एक करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा में खुली पोल, डीएम ने लापरवाह अफसरों को थमाया नोटिस

कलेक्ट्रेट सभागार में निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा करती डीएम।

– कार्य में ढिलाई और गैरहाजिर अफसरों से जवाब-तलब, अब नहीं चलेगी लापरवाही

– विकास कार्यों में लापरवाही पर डीएम सख्त, लोक निर्माण विभाग को दी चेतावनी

मीरजापुर, 27 मई (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में एक करोड़ से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में लापरवाह अफसरों की जमकर क्लास लगाई और सख्त लहजे में कहा कि काम में लापरवाही अब नहीं चलेगी। बैठक की शुरुआत तो योजनाओं की समीक्षा से हुई, लेकिन जैसे-जैसे फाइलों के पन्ने पलटे, अफसरों और कार्यदायी संस्थाओं की लापरवाहियों की परतें भी खुलती गईं। मेडिकल कॉलेज में अधूरा मल्टीपर्पज हॉल, धीमी गति से रेंगते आयुष अस्पताल और गायब अफसर- जिलाधिकारी ने एक-एक को चिन्हित किया और फिर चला ताबड़तोड़ कार्रवाई का डंडा।

20 दिन में काम पूरा न होने पर होगी कार्रवाई

डीएम ने कड़ा निर्देश देते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य में लटकाए जाने का अब कोई बहाना नहीं चलेगा। राजकीय पॉलिटेक्निक का काम पूरा है, लेकिन अब हैंडओवर में टालमटोल। डीएम ने कहा कि काम पूरा हो चुका है तो जनता को उसका लाभ भी समय पर मिलना चाहिए। विशेष नाराजगी गड़ौली के शिव मंदिर परिसर, गौशाला, योग केंद्र, और वृद्धाश्रम की बदहाली पर देखी गई, जहां परियोजना प्रबंधक बैठक में हाजिर भी नहीं थे। जिलाधिकारी ने शो-कॉज नोटिस जारी कर कहा कि जिम्मेदारी से भागना नहीं चलेगा।

सड़क-पुल निर्माण में देरी पर फटकार, विकास में बाधा बर्दाश्त नहीं

सड़कें और पुल- जनता की मूलभूत जरूरतें भी बैठक का हिस्सा बनीं। लालगंज-कलवारी मार्ग, बकहर नदी का पुल और घोरावल रोड के कार्यों में देरी पर पीडब्ल्यूडी को डीएम ने कड़ी चेतावनी दी। जिन परियोजनाओं में विभागीय टकराव बन रहे हैं, वहां समाधान के लिए तत्काल पत्राचार के आदेश दिए। जिलाधिकारी ने साफ कहा कि विकास की रफ्तार में बाधा डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। समय, गुणवत्ता और जवाबदेही- यही विकास की रीढ़ हैं।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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