Uttrakhand

एनसीईआरटी पुस्तकाें में दिल्ली व उत्तराखंड में भारी अंतर, अभिभावकाें ने किया विराेध

नैनीताल में शिक्षा में शोषण के विरोध में प्रदर्शन करते लोग।

नैनीताल, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नैनीताल में रविवार को स्थानीय नागरिकों ने शिक्षा के क्षेत्र में जारी शोषण के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियान चलाकर विरोध दर्ज कराया। नगर के तल्लीताल स्थित नैनीताल समाचार के प्रांगण में आयोजित इस प्रदर्शन में प्रतिभागियों ने ‘ये कैसा न्याय?’ का सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश में समान शिक्षा नीति लागू करने की बातें की जा रही हैं, तो फिर एनसीईआरटी की एक ही कक्षा की एक जैसी पाठ्य पुस्तक के अलग-अलग राज्यों में अलग मूल्य क्यों निर्धारित किए जा रहे हैं।

प्रदर्शन में शामिल दीप पांडे ने उदाहरण देते हुए दावा किया कि कक्षा 1 की नयी हिंदी की एनसीईआरटी पुस्तक दिल्ली में ₹65 में जबकि उत्तराखंड में ₹94.20 में उपलब्ध है, जो प्रति पुस्तक ₹29.20 का अंतर है। यदि सभी कक्षाओं की पुस्तकों के मूल्य और विद्यार्थियों की संख्या को जोड़कर देखा जाए, तो यह अंतर हजारों-लाखों रुपये में पहुँचता है, जिससे अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक भार पड़ रहा है। उन्होंने इसे शिक्षा के अधिकार का हनन और विद्यार्थियों व अभिभावकों का आर्थिक शोषण बताया।

बताया कि लगातार 9वें रविवार को यह विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है। आंदोलन में भाग लेने वालों ने ‘एक देश, एक पाठ्यक्रम, एक कीमत’ की मांग करते हुए शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाने की आवश्यकता जताई। मांग की कि पूरे देश में एक जैसी एनसीईआरटी पुस्तकें एक समान मूल्य पर उपलब्ध कराई जाएं। प्रदर्शन में अनेक अभिभावकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और सरकार से शीघ्र निर्णय लेने की मांग की।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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