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भारतीय पासपोर्ट के चलते पाकिस्तान में ब्याही बेटियां नहीं जा पा रही ससुराल

jodhpur

जोधपुर, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानियों को भारत छोडऩे का अल्टीमेटम दिया गया था। जोधपुर से अब तक 76 पाकिस्तानी वहां जा चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान में ब्याही बेटियां वापस अपने सुसराल नहीं जा पा रही हैं। तीन दिन तक अटारी बॉर्डर पर जद्दोजहद के बाद ऐसी महिलाएं वापस जोधपुर आ गई हैं, जबकि कुछ अभी तक अटारी बॉर्डर पर डटी हुई हैं। इनमें जोधपुर की वाजिदा भी शामिल हैं, जो अपने बच्चों के साथ वहां पर है। वहां उनको बीएसएफ ने साफ कह दिया है कि सिर्फ पाकिस्तानी पासपोर्ट होल्डर ही जा सकते हैं।

दो दिन पहले अटारी बॉर्डर पर भारतीय पासपोर्ट के कारण रोकी गई जोधपुर की अफ्सीन जहांगीर रविवार को जोधपुर लौट आई। आने के बाद एक बार फिर जहांगीर ने कहा कि वो कराची में रहती है। अपने मां-बाप से मिलने भारत आई थी। बच्चे उस पार खड़े थे, बोल रहे थे मम्मी क्यों नहीं आ रही है? लेकिन बीएसएफ वालों ने साफ कहा कि ब्ल्यू पासपोर्ट इज नॉट अलाउड। अफ्सीन का कहना है कि उसे हर हाल में वहां जाना है। सरकार को उन्हें इजाजत देनी चाहिए। इसी तरह उसकी एक बहन अनुदा बानो है, जिसकी शादी हुए 20 साल हो गए हैं। वह अपने बच्चों के साथ वापस जाना चाहती है। उसके बच्चे पाकिस्तान चले गए, लेकिन उसे नहीं जाने दिया गया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि यह रास्ता खुलवाएं ताकि जिससे वो अपने बच्चों के साथ रह सकें।

पाकिस्तान नहीं दे रहा नागरिकता

भारत में पाकिस्तान से आने वाले हिदुओं को नागरिकता के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था, जो सीएए बनने के बाद थोड़ी आसान हुई है। हालांकि, पाकिस्तान में ऐसा कुछ नहीं है। भारत से कई लड़कियों की शादी पाकिस्तान में हुई है, लेकिन उनको वहां की नागरिकता नहीं दी जा रही है। जोधपुर की अफ्सीन जहांगीर 11 साल से पाकिस्तान में रह रही है। अनूदा बानो 20 साल से, वाजिदा दस साल से पाकिस्तान में रह रही है, लेकिन उनको अभी भारतीय पासपोर्ट पर ही आना जाना पड़ता है।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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