कोलकाता, 23 मई (Udaipur Kiran) । जलपाईगुड़ी जिले में हाथियों के हमले में दो युवकों की मौत के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके साथ ही, छह महीने के भीतर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया गया है।
दरअसल, बीते कुछ दिनों से तिस्ता नदी के किनारे बसे इलाकों में हाथियों का आतंक छाया हुआ है। करीब 100 हाथियों ने लगातार कई गांवों में उत्पात मचाया। बुधवार रात को जलपाईगुड़ी के बैकुंठपुर जंगल से सटे दुधिया चर और टाकिमारी इलाके में एक बार फिर हाथियों का दल घुस आया। इस दौरान स्थानीय युवक वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर हाथियों को भगाने में जुटे थे।
बताया गया कि गुरुवार तड़के हाथी भगाकर लौटते समय एक जंगली हाथी ने अचानक हमला कर दिया। इस हमले में दो युवक —तुषार दास और नारायण दास —की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों ने मौके पर पहुंची पुलिस के समक्ष जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया।
ग्रामीणों का कहना है कि 14 मई को भी इसी इलाके में एक प्रवासी मजदूर की हाथियों के पैरों तले कुचले जाने से मौत हो चुकी है। उसके बाद से ही स्थानीय लोगों ने वन विभाग से बार-बार अपील की थी कि इलाके में निगरानी बढ़ाई जाए ताकि हाथी रिहायशी क्षेत्रों में न घुस सकें। बावजूद इसके विभाग की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया।
घटना के कुछ घंटों के भीतर ही राज्य सरकार ने वन कानून के तहत दोनों मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा कर दी। साथ ही, छह महीने के भीतर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा भी किया गया है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
