Gujarat

चार दशक पुराने केस में तत्कालीन एसपी कुलदीप शर्मा को 3 महीने कैद की सजा

भुज सेशंस कोर्ट में सोमवार को फैसला आने के बाद मिठाई बांटते शिकायतकर्ता के पुत्र इकबाल मंधरा मिठाई बांटते हुए।

-कच्छ के कांग्रेस नेता इभला सेठ को पीटने और अपमानित करने था आरोप

भुज, 10 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । कच्छ के कांग्रेस नेता दिवंगत मंधरा अब्दुल्ला हाजी इब्राहिम उर्फ इभला सेठ को 40 साल पहले भुज के एसपी कार्यालय पर मारने-पीटने और अपमानित करने के आरोप में तत्कालीन एसपी कुलदीप शर्मा और एक अन्य कर्मचारी गिरीश वसावडा को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए दोनों को 3 महीने की कैद की सजा सुनाई है। इस मामले में भुज सेशंस कोर्ट में रविवार को अंतिम सुनवाई की गई थी, जिसका फैसला सोमवार को आया है।

कच्छ जिले के पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी और पुलिसकर्मियों के हाथों अपने पिता की पिटाई और अपमानित करने के केस में सोमवार को फैसला आने पर पुत्र इकबाल मंधरा ने कोर्ट परिसर में मिठाई बांटकर खुशी व्यक्त की। इकबार मंधरा ने कहा कि 40 साल पुराने इस केस में लंबी कानूनी प्रक्रिया के अंत में आरोपितों को दोषी ठहराया गया है, जिससे उन्हें संतोष हुआ है। इस केस के अनुसार अबडासा के मंधरा अब्दुल्ला हाजी इब्राहिम उर्फ इभला शेठ नलिया में दर्ज हुए किसी केस के सिलसिले में तत्कालीन विधायक जराशंकर जोशी, मांडवी के विधायक जयकुमार संघवी, गभुभा जाडेजा, शंकर गोविंदजी जोशी समेत अग्रणियों के साथ एसपी कार्यालय में मिलने गए थे।

इस दौरान तत्कालीन एसपी कुलदीप शर्मा पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने, गाली-गलौच करने और मारपीट का आरोप लगाया गया था। इस दौरान इभला सेठ जख्मी हो गए थे। इनके साथ डेलिगेशन में आए शंकर गोविंद जोशी ने कच्छ के वकील एम बी सरदार के साथ भुज के चीफ ज्यूडिशियल कोर्ट में एसपी समेत चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। वर्ष 2020 में शिकायकर्ता के वकील एमबी सरदार के निधन के बाद केस के मुख्य वकील के तौर पर आर एस गढवी ने दलील की। इस केस में चार आरोपित थे, जिसमें बीएन चौहाण और पीएस बिश्नोई की चालू केस के दौरान मृत्यु हो गई थी। अन्य दो आरोपित कुलदीप शर्मा और गिरीश वसावडा के विरुद्ध एडिशनल चीफ कोर्ट में चार्ज फ्रेम हुआ था। आरोपित के स्टेटमेंट के बाद 28 जनवरी को अंतिम सुनवाई पूरी हुई थी। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी कुलदीप शर्मा को तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरोध के लिए भी जाना जाता है। बाद में इन्होंने कांग्रेस भी ज्वॉइन कर ली थी।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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