RAJASTHAN

बजट चर्चा में किसान संघ ने सीएम से की हाइब्रिड बीज उत्पादन की मांग

jodhpur

जोधपुर, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान में बाजरा और मक्का के हाइब्रिड बीज की वार्षिक खपत एक हजार करोड़ रुपए से अधिक है, लेकिन प्रदेश इन बीजों के लिए पूरी तरह से अन्य राज्यों पर निर्भर है। यह मुद्दा भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ बजट पूर्व चर्चा में उठाया।

जयपुर में आयोजित बजट चर्चा में भाग लेने वाले भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष माणकलाल परिहार ने बताया कि बाहर से आने वाले बीज महंगे पड़ते हैं और स्थानीय जलवायु में तैयार न होने के कारण फसलों की रोग व कीट प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है। वर्तमान में प्रदेश में बाजरा की खेती 50 लाख हेक्टेयर में होती है, जिसमें 31,250 मीट्रिक टन बीज की खपत होती है, जिसकी कीमत 937 करोड़ रुपए है। वहीं मक्का 10 लाख हेक्टेयर में बोई जाती है, जिसमें 25,000 मीट्रिक टन बीज की जरूरत पड़ती है, जिसकी कीमत 375 करोड़ रुपए है। किसान संघ ने सुझाव दिया है कि प्रदेश में बीज ग्राम घोषित किए जाएं, जहां क्रॉस पॉलीनेशन को ध्यान में रखते हुए हाइब्रिड बीज का उत्पादन किया जा सके। विशेष रूप से रबी और जायद सीजन में, जब सामान्यत: बाजरा व मक्का की फसल नहीं होती, तब हाइब्रिड बीज की पैदावार की जा सकती है। इससे न केवल किसानों को सस्ते दाम पर गुणवत्तापूर्ण बीज मिलेंगे, बल्कि बीज उत्पादन से किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री तुलछाराम सिंवर ने कहा कि प्रदेश के बाजरा व मक्का के हाइब्रिड बीज पर प्रदेश पूरी तरह अन्य राज्यों पर निर्भर है। ऐसे में प्रदेश में बीज ग्राम घोषित कर हाइब्रिड बीज उत्पादन करवाया जाए जिससे किसानों को स्थानीय परिस्थिति में तैयार होने से बेहतर रोग व कीट प्रतिरोधकता वाला हाइब्रिड बीज सुलभ व सस्ता मिलेगा व प्रदेश के किसानों को हाइब्रिड बीज उत्पादन करने से अतिरिक्त आय भी मिल सकेगी।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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