Chhattisgarh

बस्तर संभाग में 453 सर्पदंश के मामलाें में 443 काे मिला जीवनदान, 10 की हुई माैत

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जगदलपुर, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में 453 सर्पदंश के मामले सामने आए हैं. इनमें 443 का इलाज समय पर हुआ, जिससे उनकी जान बची, लेकिन 10 लोगों ने अपनी जान गवाई है। बस्तर, दंतेवाड़ा और बिजापुर में 3-3 मरीजों की मौत हुई है, वहीं नारायणपुर में 1 मरीज की मृत्यु हुई है। सर्पदंश के मामले सबसे अधिक बस्तर जिले में 118 मरीज व बीजापुर जिले में 149 मरीज देखने को मिला है।

विदित हाे कि घने जंगलों से भरपूर बस्तर में मानसूम की बौछार पढ़ते ही जंगलों और बिलों से जहरीले सांप लोगों के बसेरों तक पहुंचते हैं और घरों में गर्माहट की वजह से बसेरा बना लेते हैं। मानसून के वक्त सर्पदंश का मामला बस्तर में बढ़ जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2024 के बीते 6 महीनों में पूरे बस्तर संभाग में 10 लोगों की सर्पदंश से मौत हुई है। वहीं 443 लोगों का समय पर इलाज होने से उनकी जान बच गई।

मिली जानकारी के अनुसार बस्तर में सबसे अधिक कोबरा और करैत के दंश के मामले सामने आ रहे हैं। यदि सांप के काटे गए स्थान में सूजन आ जाए या आंखों की पलकें बंद होना शुरू हो जाए, ताे यह जहरीले सर्प के दंश के लक्षण होते हैं। ऐसे समयों में मरीजों को समय पर अस्पताल जाने की आवश्यकता है। अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध है, जिसे समय पर दिए जाने से मरीजों में काफी हद तक सुधार आता है, वे ठीक भी हो जाते हैं।

डॉ. जॉन मसीह ने बताया कि वर्तमान में सर्प दंश के 4 मरीज डिमरापाल अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है। यदि सर्पदंश से पीड़ित मरीज समय पर अस्पताल पहुंच जाते हैं तो मरीजों को बचाया जा सकता है।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे / केशव केदारनाथ शर्मा

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