
नई दिल्ली, 20 मई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनुसंधान कृषि उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और आईसीएआर संस्थानों के निदेशकों के वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर केंद्रीय कृषि शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि उत्पादन बढ़ाने और इनपुट लागत कम करने में अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 5 प्रतिशत कृषि विकास दर बनाए रखना एक प्रमुख लक्ष्य है और इसके लिए सभी संस्थानों को मिलकर काम करना होगा।
चौहान ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कृषि उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने जीनोम एडिटिंग के माध्यम से दालों और तिलहन के उत्पादन में वृद्धि पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छोटे और मझोले किसानों के लिए विशेष रणनीति बनानी होगी।
शिवराज ने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि क्षेत्र को मजबूत करना होगा। भविष्य में कृषि क्षेत्र में विकास के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसमें जीन बैंक की स्थापना और जीनोम एडिटिंग के माध्यम से फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास शामिल हैं।
————-
(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
