RAJASTHAN

टोल नीति में महत्वपूर्ण सुधारों को दी मंजूरी, टोल अवधि अब एक साल, अधिकतम तीन माह बढ़ेगा कान्ट्रेक्ट

बैठक में फीडबैक लेती उप मुख्यमंत्री।

जयपुर, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । उप मुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री दीया कुमारी ने बुधवार को आरएसआरडीसी बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए अधिकारीयों को प्रदेश के सभी टोल बूथों पर टोल कलेक्शन फास्टैग से करवाने तथा सभी स्थानों पर रेट बोर्ड लगवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि टोल बूथों पर फास्टैग लागू होने से आमजन को राहत मिलेगी।

उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने बुधवार को आरएसआरडीसी बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए टोल नीति में सुधार के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी। उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि टोल नियमों में किए गए इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों से टोल संवेदको में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तथा टोल टैक्स एकत्रण की प्रक्रिया नियमित एवं सुचारू होने से राजस्व में वृद्धि होगी। वर्तमान में लागू टोल पॉलिसी के कुछ बिन्दओं को समय की आवश्यकता के अनुरूप संशोधित किया गया है। वर्तमान में लागू संवेदक का रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समाप्त कर दी गई जिससे अधिक संख्या में संवेदक निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकेगें।

टोल की कान्ट्रेक्ट की अवधि दाे वर्ष से घटाकर एक वर्ष कर दी गई है। जिसे अधिकतम तीन माह बढ़ाया जा सकेगा। नियमों की पालना नहीं करने पर एक लाख रुपए प्रति त्रुटि की पेनल्टी का प्रावधान रखा गया है। यह दस्तावेज एनएचआई के नियमों के अनुरूप तैयार किया गया है। टोल रोड पर टोल टैक्स एकत्र करने के लिए नई आरएफक्यू कम आरएफपी दस्तावेज तैयार किये गये हैं। इसके तहत् संवेदक की नेट वर्थ निविदा लागत की 20 प्रतिशत होना आवश्यक है।

किसी कारण टोल का रेगुलर कान्ट्रेक्ट नही होने पर मैन पावर ऐजेन्सी के द्वारा टोल टैक्स एकत्र करने का आरएफक्यू कम आरएफपी तैयार किया गया है। जिन सड़कों पर निविदाएं सफल नहीं हो रही है अथवा टोल वसूली कार्य एक्सटेंशन पर चल रहे हैं उन पर यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से लागू कर फास्टैग के आधार पर टोल टैक्स एकत्र करने का कार्य सुचारू किया जाएगा। रिडकोर विभाग में 50 प्रतिशत से अधिक टोल प्लाजा पर मैन पाॅवर कान्ट्रेक्ट के द्वारा टोल एकत्र किया जा रहा है। उसी के अनुरूप दस्तावेज तैयार किया गया है।

उपमुख्यमंत्री ने बोर्ड मीटिंग में निर्देश दिये की प्रदेश के स्टेट हाईवे महत्वपूर्ण स्थानों को कनेक्टीविटी प्रदान करते है और इन पर लाखों लोग गुजरते है। इनकी सुविधा के लिये इन स्टेट हाईवेज पर वे-साईड सुविधाएं जैसे रेस्टोरेन्ट, सुविधाऐं आदि विकसित करने का तत्काल परिक्षण किया जाए। उप मुख्यमंत्री ने आरएसआरडीसी भवन में स्थापित फास्टैग कमाण्ड सेंटर का निरीक्षण किया। इस सेन्टर के माध्यम से प्रदेश के सभी फास्टैग आधारित संचालित टोल प्लाजाओं की लाईव मोनिटरिंग की जा सकती है। इन सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कमाण्ड सेंटर में लगी स्क्रीन्स पर टोल्स का लाईव व्यू उपलब्ध होता है। कमाण्ड सेंटर में लगे डैशबोर्ड पर ये देखा जा सकता है कि किस प्रकार के ओर कितने वाहन टोल से गुजर रहे है। वहा एकत्र होने वाले रेवेन्यू को रियल टाईम वॉच किया जा सकता है।

उपमुख्यमंत्री ने इसकी सराहना करते हुये कहा कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आयेगी। टोल कर्मियों के नागरिकों के साथ व्यवहार पर भी इसके माध्यम से नजर रखी जा सकती है तथा आवश्यकता पडने पर टैफिक मेनेजमेंट में भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होने सभी टोल पर फास्टैग तत्काल चालू करके फास्टैग कमाण्ड सेंटर से जोड़ने के निर्देश दिये। बैठक में प्रमुख शासन सचिव सा.नि.वि प्रवीण गुप्ता, शासन सचिव आयोजना नवीन जैन, परिवहन आयुक्त मनीषा अरोड़ा, शासन सचिव सानिवि डीआर मेघवाल तथा प्रबन्ध निदेशक आरएसआरडीसी सुनील जय सिंह सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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