अलवर, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । सफाई कर्मियों की हड़ताल का असर अब दिखने लगा है शहर की सड़क कचरे में तब्दील हो गई है। शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं. इन ढेरों से कचरा उड़ कर सड़कों पर फैल रहा है। गली मोहल्ले सहित कॉलोनी, मुख्य बाजार सभी जगह यह हालत देखने को मिल रहे हैं।
अलवर जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहरों से भरे इतिहास के लिए जाना जाता है लेकिन पिछले कुछ दिनों से ये खूबसूरत शहर बदबू से भर गया है। वजह है सफाई कर्मचारियों की जारी हड़ताल। कर्मचारी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने के लिए यहां कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। यह हड़ताल प्रदेश व्यापी हैं। इस वजह से पिछले कई दिनों से शहर के कई जगहों से कचरे का उठाव नहीं हुआ है। इस कारण पूरा शहर ही बदबू से भर गया है। जगह जगह कचरे के ढेर लगे हुए है और उनमें विचरण करते जानवर मानो कोढ़ में खुजली का काम कर रहे हैं। शहर में कई दिनों से सड़क से कचरा ना उठाए जाने की वजह से गंदगी का अम्बार लगा हुए हैं।जगह-जगह कचरे के कंटेनर भर चुके हैं। नगर निगम ने सफाई कर्मियों के यूनियन पदाधिकारियों से बातचीत कर सुलह करने की कोशिश की लेकिन वो नाकामयाब हो गई। नगर निगम आयुक्त बजरंग सिंह ने कहा कि सफाई कर्मचारियों द्वारा काम नहीं किये जाने पर उन्हें सैलरी भी नहीं दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने के बाद ये फैसला लिया गया है। अगर अभी भी ये हड़ताल जारी रही तो कर्मचारियों की सैलरी से भी पैसे काटे जायेंगे।
घरों से भी नहीं उठ रहा कूड़ा
अलवर नगर निगम के ऑटो टिपर जो रोजाना शहर की कॉलोनी में घूम कर घरों से कचरा एकत्रित करते हैं। वह भी हड़ताल पर हैं। ऐसे में ऑटो टिपर के नहीं आने से घरों में कचरे के देर लग गए हैं। अब लोग घरों का कचरा निकलकर रोड पर लगे कचरे के ढेरों में फेंकने लगे हैं। जिससे सफाई के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
नेताओं को कोस रही है जनता
इन दिनों आम जनता इस गंदगी से परेशान होकर नेताओं को कोष रहिए। आमजन का कहना है कि अलवर जिले ने केंद्र सरकार में और राज्य सरकार में दोनों में मंत्री दिए हैं लेकिन इसके बावजूद भी सफाई कर्मियों की समस्याओं का कोई हल नहीं निकल रहा। जिस कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे आमजन को राहत की सांस मिले।
(Udaipur Kiran) / मनीष कुमार