धमतरी , 26 सितंबर (Udaipur Kiran) । मगरलोड विकासखंड के आधे से अधिक गांव में रेत का अवैध कारोबार जारी है। प्रतिबंध के बाद भी अधिकांश गांव में ट्रैक्टर द्वारा नदी से अवैध खनन कर हाईवा द्वारा बाहर भेजा जा रहा है। अवैध रेत का खनन पर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। ग्राम करेलीबड़ी, हसदा, खिसोरा, डूमरपाली, सौंगा, कुंडेल, मेघा, राजपुर, कपालफोड़ी, चंद्रसुर, चदना, खट्टी, सहित अधिकांश गांव में रेत खनन जारी है। जून से रेत खनन कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया है इसके बावजूद मगरलोड क्षेत्र में रेत माफिया सक्रिय हैं। प्रशासन की अनदेखी से शासन को लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है।एक माह पूर्व मेघा महानदी सेतु के ऊपर एवम नीचे भाग में अंधाधुन अवैध रेत खनन के कारण 21 सितंबर को मेघा पूल धस कर टूट गया। अवैध रेत खनन आज भी जारी है। मेघा एनिकट के ऊपरी भाग पर अवैध रेत खनन जारी है। एनिकट से मात्र 500 मीटर दूरी में ही खनन जारी हैं। उक्त स्थल पर आठ से 10 फीट गहराई तक रेत खनन किया जा रहा है। जिससे महानदी सेतु के बाद एनीकट भी खतरे के निशान पर है। महानदी एनिकट जल संसाधन विभाग के संरक्षण में है। लेकिन विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है ।माइनिंग विभाग इस दिशा में ठोस कार्रवाई करे। कार्रवाई के अभाव में मेघा, कुडेल, मधुबन खैरझिटी में रेत की अवैध डंप कर हाइवा से परिवहन किया जा रहा है। मेघा महानदी से अवैध रेत परिवहन में लगे सैकड़ों ट्रैक्टर की रेलमपेल आवाजाही से स्कूली बच्चों सहित राहगीरों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा