Uttrakhand

खसूसी दुआओं के साथ इज्तमे का समापन

इज़तमे का समापन

हरिद्वार, 23 दिसंबर (Udaipur Kiran) । रुड़की के समीप गढ़ी संघीपुर में साेमवार काे तीन दिवसीय तबलीगी इज्तमे का समापन विशेष दुआओं के साथ हो गया। तब्लीगी इज्तमे में गोंडा बस्ती से पधारे आलिमेदीन मुफ्ती महमूद साहब ने विशेष दुआ कराई। दुआ से पहले उन्होंने इस्लाम की शिक्षाओं तथा तबलीगी जमात के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने तब्लीगी जमात को जगत सुधार की संज्ञा देते हुए कहा कि यह एक कार्य है, जिसके जरिए इंसान को अल्लाह के रास्ते में निकलने, परेशान लोगों की खिदमत करने और बुराइयों को छोड़ने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि अल्लाह और नबी के बताए रास्ते से हटकर कभी कामयाबी नहीं मिल सकती। इस्लाम की शिक्षा हमें इंसान ही नहीं, बल्कि जानवरों के साथ भी हुस्ने सलूक (सद्व्यवहार) करने का हुक्म देती है।

उन्होंने कहा कि दीन को छोड़ने की वजह से समाज में बुराइयां बढ़ गई है और इंसानों के अंदर लोभ, लालच व नशे जैसी बड़ी बुराइयां पनप रही है। पैगंबर हजरत मोहम्मद का दीन दुनिया में लाने का मकसद यही था कि इंसान को नरक वाली जिंदगी से बचाकर जन्नत की तरफ ले जाया जाए। आसपास के ग्राम वासियों ने इज्तमे में शिरकत करने आए लोगों की खिदमत के लिए जगह-जगह भोजन, फल एवं पेयजल की व्यवस्था की थी।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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