कानपुर, 07 नवम्बर (Udaipur Kiran) । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में स्टूडेंट्स जिमखाना की एकेडमिक एंड करियर काउंसिल (एनसी) ने इंस्टिट्यूट रिसर्च सिम्पोजीअम (आईआरएस’24) के तीसरे संस्करण का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम ने छात्रों, शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों सहित आईआईटी कानपुर के विविध वैज्ञानिक समुदाय को अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार का प्रदर्शन करने और जश्न मनाने के लिए एकजुट किया।
आईआरएस’24 आईआईटी कानपुर में किए गए जा रहे शोध की गहराई और विविधता का प्रमाण था, जिसमें छात्रों को ओरल टॉक, पोस्टर प्रस्तुतियों और साथियों और फैकल्टी सदस्यों के साथ नेटवर्किंग सत्रों में भाग लेने के लिए एक व्यापक मंच प्रदान किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम में, लगभग 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो शैक्षणिक उत्कृष्टता और ज्ञान साझा करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आईआरएस’24 के मुख्य आकर्षणों में प्रतिष्ठित मुख्य वक्ताओं के आकर्षक सत्र शामिल थे, जिसमें नासा-कैलटेक और केएयूएसटी (केएयूएसटी) के वैज्ञानिक डॉ. योगेश्वर नाथ मिश्रा ने ‘बिल्डिंग द वर्ल्डस फास्टेस्ट कैमरा एंड अवॉइडिंग फैलीयर्स इन रिसर्च’ शीर्षक से एक आकर्षक व्याख्यान दिया, जिसमें शोध और तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने के बारे में बहुमूल्य जानकारी दी। इंस्टिट्यूट रिसर्च प्रोफेसर, पूर्व डीएसटी सचिव और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने ‘सस्टेनेबिलिटी ऑफ नॉलेज: एजुकेशन, रिसर्च एंड इनोवेशन इन अ ब्रेव न्यू वर्ल्ड’ पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसमें अकादमिक गतिविधियों में अंतःविषय अनुसंधान और सतत नवाचार के महत्व पर जोर दिया।
समापन समारोह के दौरान गुरुवार को मुख्य वक्ताओं में आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल, डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर शलभ रहे। आईआरएस’24 के आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी और एएनसी के फैकल्टी सलाहकार प्रोफेसर अर्क वर्मा ने संगोष्ठी की योजना और क्रियान्वयन के दौरान दूरदर्शी मार्गदर्शन प्रदान किया। आईआरएस’24 ने जीवंत शैक्षिक और शोध वातावरण को बढ़ावा देने, छात्रों को नवीन विचारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने और वैज्ञानिक समुदाय में प्रभावशाली योगदान देने के लिए शिक्षाविदों और कैरियर परिषद की प्रतिबद्धता को दर्शाया।
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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह