कानपुर, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । मेडिकल टेक्नोलॉजी यानी स्वास्थ्य तकनीक पर अभी बहुत शोध कार्य की जरुरत है। यही नहीं इस क्षेत्र में जबरदस्त अवसर भी है और आईआईटी कानपुर अपने मौजूदा पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से समाज के लिए इसका लाभ प्रदान करने के लिए सही मजबूत स्थिति में है। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और हमारे आगामी गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से, मुझे यकीन है कि नवाचार सामाजिक लाभ देने में बेजोड़ होंगे। यह बातें बुधवार को आईआईटी कानपुर के निदेशक डॉ. मनीन्द्र अग्रवाल ने कही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लखनऊ के बीच एक सहयोगी कार्यक्रम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल बायोडिजाइन-सिनर्जाइजिंग हेल्थकेयर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप का सफलतापूर्वक आयोजन किया। आईआईटी कानपुर के एसआईआईसी के प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय और प्रो. ऋषि सेठी ने कार्यक्रम की उत्पत्ति, समय के साथ इसके महत्वपूर्ण विकास और स्वास्थ्य सेवा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी साझा की। इस कार्यक्रम में तीन टीमों की ओर से प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनमें से प्रत्येक ने प्रो. संजय बिहारी, प्रो. संजय काला, डॉ. अनंत भान, प्रबल चक्रवर्ती और संजय बनर्जी सहित कई वैज्ञानिकों और उद्योग विशेषज्ञों के एक प्रतिष्ठित पैनल के समक्ष अपनी अभिनव स्वास्थ्य सेवा तकनीकों को साझा किया। कार्यक्रम में कई वरिष्ठ स्टेकहोल्डर्स की उपस्थिति रही, जिन्होंने कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिए ।
डॉ. अभिषेक कुमार मेहता ने कहा कि बायो-डिजाइन कार्यक्रम ने हमारे साथियों को विदेश भेजकर इस कार्यक्रम के तहत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मेजबानी करने तक का लंबा सफर तय किया है। यह भारत में हमारे मेडटेक क्षेत्र की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बायो-डिजाइन कार्यक्रम को लेकर कहा कि यह आईआईटी कानपुर और केजीएमयू द्वारा संचालित एक अद्भुत कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम हमारे विकसित भारत 2047 विजन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / अजय सिंह / बृजनंदन यादव