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आईआईटी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन थ्राइव 2025 : थार पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव पर विशेषज्ञ कर रहे मंथन

jodhpur

जोधपुर, 19 मार्च (Udaipur Kiran) । सतत विकास के लिए स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता के जरिए थार पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने पर मंथन के लिए जोधपुर आईआईटी में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन थ्राइव-2025 बुधवार को शुरू हो गया जो 21 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (आईआईटी), भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा, पर्यावरण और स्थिरता सोसायटी (आईएसईईएस) के सहयोग से आयोजित हो रहे इस आयोजन में देश के कई स्टार्टअप के सीईओ, नामी उद्यमी, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और शिक्षाविद हिस्सा ले रहे है।

भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके सारस्वत ने इस सम्मेलन में आज भाग लिया। सम्मेलन की थीम पर पैनल चर्चा का नेतृत्व आईएनएसए के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष शर्मा और आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश अग्रवाल कर रहे है। आयोजन में बिट्स पिलानी के ग्रुप वाइस चांसलर प्रो. रामगोपाल राव, भेल के पूर्व चेयरमैन एंड एमडी डॉ. नलिन सिंघल, पूणे सीएसआईआर के निदेशक प्रो. आशीष लेले, जयपुर एमएनआईटी के निदेशक प्रो. एन.पी. पाढ़ी, मोहाली आईआईएसईआर के निदेशक प्रो. अनिल के. त्रिपाठी, एनआईटीके सूरतकल के निदेशक प्रो. बी. रवि और आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो. राजीव आहूजा सहित 150 से अधिक प्रबुद्धजन हिस्सा ले रहे है। इनमें प्रख्यात वैज्ञानिक, उद्योग जगह के लीडर, नीति निर्माता, उद्यमी और अग्रणी स्टार्टअप के सीईओ शामिल हैं।

इन अहम विषयों पर हो रहा मंथन

थ्राइव-2025 का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक साझेदारी का मार्ग प्रशस्त करते हुए नवाचार को बढ़ावा देना है, ताकि, उचित समाधान की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। तीन दिवसीय कार्यक्रम के अलग-अलग सत्र में सतत व्यवसाय के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उभरती प्रौद्योगिकियों की स्थिरता, स्टार्टअप और निवेशक सम्मेलन, सरकार-उद्योग सहयोग, अपशिष्ट प्रबंधन और उपचार, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन, रेगिस्तानी जल उपचार और प्रबंधन, शुष्क क्षेत्रों में नियमित कृषि, ग्रीन एनर्जी सॉल्युशन, सांस्कृतिक पर्यटन, कला और विरासत तथा कपड़ा उद्योग में सतत विकास पर मंथन होगा।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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