
कानपुर, 27 मई (Udaipur Kiran) । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) ने दो दिवसीय विद्यार्थी विज्ञान मंथन (वीवीएम) कार्यक्रम का आयोजन किया। इस विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर के कक्षा छह से 11 तक के स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक सोच की पहचान करना और उसे प्रोत्साहित करना था।
आईआईटी कानपुर डायरेक्टर प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने युवाओं के मन में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए प्रो. जे. रामकुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विज्ञान और भारतीय वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना है। हम इस पीढ़ी को यह संदेश देना चाहते हैं कि वे केवल सर्वश्रेष्ठ की ओर न देखें, बल्कि उन लोगों की भी सराहना करें जिन्होंने सीमित संसाधनों में भी उत्कृष्टता प्राप्त की है।
कार्यक्रम में पुस्तक सत्येंद्र नाथ बोस फादर ऑफ बोसॉन्स का विमोचन किया गया, जो महान भारतीय भौतिकविद को श्रद्धांजलि अर्पित करती है। यह पुस्तक विद्यार्थी विज्ञान मंथन (वीवीएम) के शैक्षणिक सत्र 2025-26 के पाठ्यक्रम का हिस्सा होगी। छात्रों का मूल्यांकन एक समग्र दृष्टिकोण के तहत किया गया, जिसमें 10 विभिन्न आयामों को शामिल किया गया। इसमें प्रयोगों के माध्यम से अनुभवात्मक अधिगम, रचनात्मक सोच, संप्रेषण कौशल आदि शामिल थे। प्रतिभागियों के लिए कई समानांतर व्याख्यान आयोजित किए गए, जिनमें स्थिरता, भारतीय ज्ञान प्रणाली और नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एनहांस्ड लर्निंग (एनपीटीईएल) जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
प्रतिभागियों के लिए कई समानांतर व्याख्यान आयोजित किए गए, जिनमें स्थिरता, भारतीय ज्ञान प्रणाली, नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एनहांस्ड लर्निंग (एनपीटीईएल) और साथी जैसे रोचक विषयों पर चर्चा की गई।
विद्यार्थी विज्ञान मंथन के दूसरे दिन की अध्यक्षता प्रो. अभय करंदीकर ने की। जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सचिव हैं। उन्होंने बताया कि मिशन-आधारित पहलों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति कैसे विज्ञान शिक्षा को बदल रही है। साथ ही उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि विज्ञान को क्यों समावेशी, साहसी और प्रश्नों से प्रेरित होना चाहिए।
जो छात्र आईआईटी कानपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में भाग लेकर आए थे, उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि उन्हें आधुनिक अनुसंधान सुविधाओं का उपयोग करने और प्रसिद्ध वैज्ञानिकों से मिलने का विशेष अवसर मिला। उन्होंने अपने अनुभवों को बताते हुए अपने उत्साह और खुशी जाहिर की, जिसमें प्रयोग करने और दिलचस्प चर्चाओं में हिस्सा लेने जैसे पल शामिल थे।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
